Quick Fact Check : भगत सिंह के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील का नहीं था RSS से संबंध, पोस्‍ट भ्रामक है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। भगत सिंह का पक्ष वकील आसफ अली ने रखा था, जबकि सरकार की ओर से केस मुकदमा राय बहादुर सूरज नारायण ने लड़ा था। हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनका कोई संबंध नहीं था।

Quick Fact Check : भगत सिंह के खिलाफ केस लड़ने वाले वकील का नहीं था RSS से संबंध, पोस्‍ट भ्रामक है

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। फेसबुक पर एक बार फिर से एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। वायरल पोस्‍ट भगत सिंह से जुड़ी हुई है। इसमें दावा किया जा रहा है कि भगत सिंह के खिलाफ केस लड़ने वाले अंग्रेजों के वकील राय बहादुर सूर्यनारायण शर्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे।

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। यह सच है कि भगत सिंह के खिलाफ के केस में राय बहादुर सूरज नारायण अभियोजन पक्ष के वकील थे, लेकिन इनका संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से नहीं था। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी इसकी जांच की थी।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर हरेराम मिश्रा ने 16 अगस्‍त को एक पोस्‍ट को अपलोड करते हुए दावा किया: ‘भगत सिंह का केस लड़ने वाला वकील एक मुसलमान था, जिसका नाम आसिफ अली था और भगत सिंह को फांसी दिलाने के लिए अंग्रेजों की ओर से जिस वकील ने केस लड़ा था, उस गद्दार का नाम राय बहादुर सूर्यनारायण शर्मा था, जो RSS के संस्थापक हेडगेवार का मित्र और RSS का सदस्य था।’

वायरल पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड लिंक देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी एक बार इसी क्‍लेम की जांच की थी और इसे भ्रामक पाया था। वास्तव में भगत सिंह का पक्ष वकील आसफ अली ने रखा था। जबकि सरकार की ओर से केस मुकदमा राय बहादुर सूरज नारायण ने लड़ा था। लेकिन उनका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से कोई संबंध नहीं था।

पूरी रिपोर्ट को नीचे पढ़ा जा सकता है.

अब बारी थी इस पोस्ट को शेयर करने वाले यूज़र के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने की। प्रोफ़ाइल में लिखे इंट्रो के अनुसार, यूज़र Hareram Mishra पेशे से एक वकील हैं और वाराणसी में रहते हैं। इस यूज़र के 1,503 फेसबुक मित्र हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। भगत सिंह का पक्ष वकील आसफ अली ने रखा था, जबकि सरकार की ओर से केस मुकदमा राय बहादुर सूरज नारायण ने लड़ा था। हालांकि, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से उनका कोई संबंध नहीं था।

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