Quick Fact Check : IPS अजय पाल शर्मा ने नहीं मारी थी गोली, वायरल पोस्‍ट फेक है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में यह दावा फर्जी निकला कि आईपीएस अजय पाल शर्मा ने बलात्‍कार और हत्‍या के आरोपी को गोली मारी थी। वायरल खबर पुरानी है। एनकाउंटर में दूसरे पुलिसकर्मी शामिल थे।

Quick Fact Check : IPS अजय पाल शर्मा ने नहीं मारी थी गोली, वायरल पोस्‍ट फेक है

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से एक फेक पोस्‍ट को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि यूपी के आईपीएस अफसर अजय पाल शर्मा ने रामपुर में एक रेपिस्‍ट को सीधे गोली मार दी। विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी एक बार इस तरह की पोस्‍ट की जांच की थी। हमें पता चला कि जून 2019 की एक घटना को कुछ लोग फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं। एनकाउंटर के वक्‍त अजयपाल शर्मा रामपुर के एसपी थे। उस वक्‍त वे अपने घर पर ही मौजूद थे। एनकाउंटर में दूसरे पुलिसकर्मी शामिल थे। आरोपी के पैर में गोली मारने के बाद उसे मेरठ के एक अस्‍पताल में भर्ती कराया गया था। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में यह दावा पूरी तरह फर्जी निकला कि अजय पाल शर्मा ने गोली मारी थी। फिलहाल अजय पाल शर्मा रामपुर के नहीं, बल्कि यूपी 112 यूनिट के पुलिस अधीक्षक हैं।

क्‍या हो रहा है

फेसबुक यूजर प्रिंस राज ने 27 अगस्‍त को एक न्‍यूज चैनल की तीन खबरों के कोलाज को एक ग्रुप में शेयर करते हुए दावा किया : “फैंसलाऑनदी_स्पॉट जय हो योगी महाराज. 70 इनकाउंटर करने वाले इनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS अजय शर्मा ने रामपुर, यूपी में बच्ची के बलात्कारी को मारी सीधी गोली। देश में अपनी तरह का पहला मामला। छोटी बच्ची के बलात्कारी रिजवान मोहम्मद को मारी 3 गोलियां। सही है। अदालत में जाता तो जमानत मिल जाती और फ़िर सिलाई मशीन। कोई न कोई इसे नाबालिग साबित कर देता। अगर सभी पुलिस वाले ऐसा कर जाएंगे तो देश से अपराध खत्म हो जाएगा।”

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्‍ट के आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल के दौरान दैनिक जागरण के रामपुर एडिशन के अखबार को जब खंगाला तो हमें 24 जून 2019 के ईपेपर से पता चला कि एक बच्‍ची से दुष्‍कर्म के बाद हत्‍या के आरोपी को पुलिस ने एक एनकाउंटर में पैरों में गोली मारी थी। खबर में कहीं भी यह नहीं कहा गया कि रामपुर के तत्‍कालीन पुलिस अधीक्षक डॉ. अजय पाल शर्मा ने गोली मारी थी। पूरी खबर यहां पढ़ा जा सकता है।

पिछली पड़ताल के दौरान विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में डॉ. अजय पाल शर्मा ने बताया था कि जब उस बदमाश को गोली मारी गई तो वे अपने आवास पर ही थे। एनकाउंटर की सूचना मिलने पर पूछताछ के लिए जिला अस्पताल पहुंचे थे।

पिछली पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि अजय पाल शर्मा को अगस्‍त 2021 में यूपी-112 लखनऊ का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। इनसे जुड़ी जानकारी यहां और यहां देखी जा सकती है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में यह दावा फर्जी निकला कि आईपीएस अजय पाल शर्मा ने बलात्‍कार और हत्‍या के आरोपी को गोली मारी थी। वायरल खबर पुरानी है। एनकाउंटर में दूसरे पुलिसकर्मी शामिल थे।

False
Symbols that define nature of fake news
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