Quick Fact Check: 1962 के युद्ध से जोड़ पंडित नेहरू के बारे मनगढ़ंत दावा फिर हुआ वायरल

विश्वास न्यूज की पड़ताल में पंडित जवाहरलाल नेहरू की वायरल तस्वीर संग किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है। पंडित नेहरू की यह तस्वीर चीन युद्ध से पहले जनवरी 1962 में पटना में हुए कांग्रेस के अधिवेशन की है। तब नेहरू कार्यक्रम में हंगामा करने वाली भीड़ को रोकने बढ़ रहे थे तभी एक सुरक्षाकर्मी ने उन्हें पीछे से पकड़ लिया।

विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। सोशल मीडिया पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू को लेकर एक आपत्तिजनक और झूठा दावा वायरल हो रहे है। सोशल मीडिया यूजर्स पंडित नेहरू की एक तस्वीर शेयर कर रहे हैं, जिसमें किसी शख्स ने उन्हें पीछे से पकड़ रखा है। इस तस्वीर संग दावा किया जा रहा है कि चीन से 1962 के युद्ध के बाद पंडित नेहरू को किसी स्वामी विद्यानंद विदेह नाम के शख्स ने थप्पड़ मारा था। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल तस्वीर संग किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है। पंडित नेहरू की यह तस्वीर चीन युद्ध से पहले जनवरी 1962 में पटना में हुए कांग्रेस के अधिवेशन की है। तब नेहरू कार्यक्रम में हंगामा करने वाली भीड़ को रोकने बढ़ रहे थे तभी एक सुरक्षाकर्मी ने उन्हें पीछे से पकड़ लिया।

क्या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर संदीप जांगड़ा ने 29 जून 2021 को वायरल तस्वीर पोस्ट करते हुए दावा किया है कि चीन से हार के बाद नेहरू अजमेर के किसी कार्यक्रम में आए थे। दावे के मुताबिक, आर्यों पर कथित टिप्पणी को लेकर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्य अतिथि स्वामी विद्यानंद विदेह ने पंडित नेहरू को थप्पड़ मार दिया। इस पोस्ट के आर्काइव्ड वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है।

पड़ताल

पंडित नेहरू की यह तस्वीर सोशल मीडिया पर पहले भी इसी दावे के साथ वायरल होती रही है। विश्वास न्यूज पहले इस दावे का फैक्ट चेक कर चुका है। पंडित नेहरू की तस्वीर के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इसपर गूगल रिवर्स इमेज सर्च टूल का इस्तेमाल किया। हमें यह वायरल तस्वीर आउटलुक की वेबसाइट पर मौजूद एक फोटो गैलरी में मिली। इसका क्रेडिट न्यूज एजेंसी एपी को दिया गया है और कैप्शन में बताया गया है कि हंगामा कर रही भीड़ के सामने जाते नेहरू को रोका गया। इसे यहां नीचे देखा जा सकता है।

हमें यह तस्वीर AP की वेबसाइट पर मौजूद आर्काइव में भी मिली। .हां बताया गया है कि ये तस्वीर चीन युद्ध से पहले जनवरी 1962 की है। ये तस्वीर तब पटना में हुई कांग्रेस पार्टी की एक बैठक की है। AP के मुताबिक, भीड़ से नेहरू को बचाने के लिए एक सुरक्षाकर्मी ने उन्हें पकड़ लिया। 

हमें पड़ताल के दौरान veda-sansthan.org पर स्वामी विद्यानंद विदेह के बारे में जानकारी मिली। यहां स्वामी विद्यानंद को वेद संस्थान का फाउंडर बताया गया है। यहां स्वामी विद्यानंद की जीवनी दी गई है। इसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस विरोधी बातें तो लिखी गई हैं, लेकिन पंडित नेहरू से जुड़ी ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई है, जिससे यह थप्पड़ मारने वाली घटना की पुष्टि हो। ऐसी किसी घटना की पुष्टि करने वाली कोई प्रामाणिक मीडिया रिपोर्ट भी हमें अपने पड़ताल के दौरान नहीं मिली।

देश के पहले पीएम पंडित नेहरू के साथ ऐसी कोई घटना घटी होती, तो इसकी प्रामाणिक रिपोर्ट जरूर मौजूद होतीं। इस वायरल दावे पर विश्वास न्यूज की तरफ से पूर्व में की गई फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां नीचे विस्तार से पढ़ा जा सकता है।

विश्वास न्यूज ने इस वायरल दावे को शेयर करने वाले फेसबुक यूजर सन्दीप जांगड़ा की प्रोफाइल को स्कैन किया। यह प्रोफाइल दिसंबर 2013 में बनाई गई है। यूजर हरियाणा के रोहतक से हैं और एक पार्टी विशेष से जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में पंडित जवाहरलाल नेहरू की वायरल तस्वीर संग किया जा रहा दावा गलत साबित हुआ है। पंडित नेहरू की यह तस्वीर चीन युद्ध से पहले जनवरी 1962 में पटना में हुए कांग्रेस के अधिवेशन की है। तब नेहरू कार्यक्रम में हंगामा करने वाली भीड़ को रोकने बढ़ रहे थे तभी एक सुरक्षाकर्मी ने उन्हें पीछे से पकड़ लिया।

False
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