नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। राम मंदिर निर्माण को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से एक कथित ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा हुआ है कि ‘अगर (उत्तर प्रदेश) में हमारी सरकार होती तो मैं (अखिलेश यादव) कभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं होने देता।’
विश्वास न्यूज की जांच में अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट उनके खिलाफ दुष्प्रचार साबित हुआ। अखिलेश यादव के ट्विटर हैंडल से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया है और न ही उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है। वायरल हो रहे ट्विटर पोस्ट को एडिट कर बनाया गया है और इसे अखिलेश यादव के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Abhishek Sharma’ ने आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए वायरल ट्वीट को शेयर (आर्काइव लिंक) किया है।
कई यूजर्स ने हमारे वाट्सएप चैटबॉट पर इस ट्वीट को भेजकर उसकी सच्चाई बताने का आग्रह किया है।
अखिलेश यादव के नाम से यह फर्जी ट्वीट पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। हमारी जांच में यह ट्वीट फर्जी निकला था, जिसे गलत मंशा के साथ दुष्प्रचार के लिए एडिट कर तैयार किया गया है और यह ट्वीट समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहता है।
वास्तव में अखिलेश यादव ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया था। तीन मई 2019 को प्रकाशित न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश यादव ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘राम मंदिर पर उनकी पार्टी और बीजेपी का एजेंडा एक ही है और वह भी संविधान के दायरे में शांतिपूर्ण तरीके से राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं।’
जिस यूजर ने इस फर्जी ट्वीट को शेयर किया है, उनकी प्रोफाइल की स्कैनिंग के दौरान हमें उनके विचारधारा विशेष का समर्थन होने की जानकारी मिली। यूजर उत्तर प्रदेश के कानपुर के निवासी हैं।
निष्कर्ष: अयोध्या में राम मंदिर को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फर्जी और मनगढ़ंत है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा के तहत एडिट कर तैयार किया गया है। अखिलेश यादव की प्रोफाइल से न तो ऐसा कोई ट्वीट किया गया है और न ही उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है।
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