Quick Fact Check: आगामी यूपी चुनाव से पहले राम मंदिर निर्माण को लेकर अखिलेश यादव के नाम से फेक ट्वीट फिर से वायरल

अखिलेश यादव के ट्विटर हैंडल से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया है और न ही उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है। वायरल हो रहे ट्वीट को एडिट कर बनाया गया है और उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में अखिलेश यादव के खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही सोशल मीडिया पर इससे संबंधित दुष्प्रचार के मामलों में भी तेजी आ रही है। इसी संदर्भ में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से एक कथित ट्वीट वायरल हो रहा है, जिसमें लिखा हुआ है कि ‘अगर (उत्तर प्रदेश) में हमारी सरकार होती तो मैं (अखिलेश यादव) कभी भी राम मंदिर का निर्माण नहीं होने देता।’

विश्वास न्यूज की जांच में अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट उनके खिलाफ दुष्प्रचार साबित हुआ। अखिलेश यादव के ट्विटर हैंडल से ऐसा कोई ट्वीट नहीं किया गया है और न ही उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है। वायरल हो रहे ट्विटर पोस्ट को एडिट कर बनाया गया है और उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के संदर्भ में अखिलेश यादव के खिलाफ दुष्प्रचार की मंशा के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Laljibhai Vegad‎’ ने ‘भाजपा लक्ष्य 2024 (समर्थन के लिए जुड़े)’ ग्रुप में वायरल पोस्ट को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए लिखा है, ”तैयारी हो गई तुजे नेताजी बनाने ..शाह शाब ने लेशन शुरू कर दिया ढुंमरी वाले।”

अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा फेक ट्वीट

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को डेढ़ सौ से अधिक लोग शेयर कर चुके हैं। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

अखिलेश यादव के नाम से यह फर्जी ट्वीट पहले भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था और तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। हमारी जांच में यह ट्वीट फर्जी निकला था, जिसे गलत मंशा के साथ दुष्प्रचार के लिए एडिट कर तैयार किया गया है और यह ट्वीट समय-समय पर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहता है।

वास्तव में अखिलेश यादव ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया था। तीन मई 2019 को प्रकाशित न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, अखिलेश यादव ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था, ‘राम मंदिर पर उनकी पार्टी और बीजेपी का एजेंडा एक ही है और वह भी संविधान के दायरे में शांतिपूर्ण तरीके से राम मंदिर का निर्माण चाहते हैं।’

NBT की वेबसाइट पर तीन मई 2019 को प्रकाशित खबर

जिस यूजर ने इस फर्जी ट्वीट को शेयर किया है, उन्होंने अपनी प्रोफाइल को लॉक कर रखा है। हालांकि, जिस ग्रुप ‘भाजपा लक्ष्य 2024 (समर्थन के लिए जुड़े )’ में उन्होंने इस फेक और एडिटेड ट्वीट को शेयर किया है, उसमें नौ लाख से अधिक सदस्य जुड़े हुए हैं और यह समूह एक विशेष राजनीतिक विचारधारा को समर्पित है।

निष्कर्ष: अयोध्या में राम मंदिर को लेकर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहा ट्वीट फर्जी और मनगढ़ंत है, जिसे दुष्प्रचार की मंशा के तहत एडिट कर तैयार किया गया है। अखिलेश यादव की प्रोफाइल से न तो ऐसा कोई ट्वीट किया गया है और न ही उन्होंने ऐसा कोई बयान दिया है।

False
Symbols that define nature of fake news
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