Quick Fact Check : इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम के दावे के साथ वायरल हुई फेक पोस्‍ट

विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। पड़ताल में पता चला कि इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर वाली पोस्‍ट फेक है। इस पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं, बल्कि प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम शामिल हैं।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक पोस्‍ट वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि इंडिया गेट पर कुल 95 हजार 300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं। इनमें 61395 मुसलमान, 8050 सिख, 14480 पिछले, 10777 दलित, 598 सवर्ण और 00 संघी हैं।

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल पोस्‍ट की जांच कर चुका है। हमें पता चला कि वायरल पोस्‍ट का दावा फेक है। दिल्‍ली के इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं लिखे गए हैं। वहां प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध में शहीद हुए सैनिकों के नाम अंकित है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर पं. सुरेंद्र शर्मा ने 28 दिसंबर को एक पोस्‍ट अपलोड किया। इसमें दावा किया गया कि दिल्‍ली के इंडिया गेट पर कुल 95300 स्‍वतंत्रता सेनानियों के नाम हैं। 61395 मुसलमान, 8050 सिख, 14480 पिछले, 10777 दलित, 598 सवर्ण और 00 संघी हैं।

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च का सहारा लिया। गूगल सर्च से पता चला कि इंडिया गेट का निर्माण अंग्रेजों ने कराया था। ऐसे में इस पर स्‍वतंत्रा सेनानियों के नाम की बात असंभव है। गूगल सर्च से पता चला कि इंडिया गेट वार मेमोरियल 1921 में बनाना शुरू किया गया था और ये 1931 में बनकर तैयार हुआ था। इंडिया गेट को 82,000 भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों की शहीदी की याद में बनाया गया था, जिन्होंने अंग्रेजों की ओर से प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) और तीसरे एंग्लो अफगान वार (1919) के दौरान अपने प्राणों की बलि दी थी।

पुरानी पड़ताल को विस्‍तार से यहां पढ़ें।

पड़ताल के अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फेसबुक यूजर Pandit Surendra Sharma के पेज की सोशल स्‍कैनिंग की। जांच में पता चला कि यूजर एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं। इस प्रोफाइल को 78 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर गुजरात के रहने वाले हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। पड़ताल में पता चला कि इंडिया गेट पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर वाली पोस्‍ट फेक है। इस पर स्वतंत्रता सेनानियों के नाम नहीं, बल्कि प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध में जान गंवाने वाले सैनिकों के नाम शामिल हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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