Quick Fact Check: विजय माल्या के जाली हस्ताक्षर वाला फर्जी बैंक चेक फिर से हुआ वायरल

लंदन में रह रहे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के नाम से वायरल हो रहा 35 करोड़ रुपये का चेक फर्जी है। वायरल हो रहा चेक वास्तव में बैंक चेक नहीं है, बल्कि फोटोशॉप की मदद से तैयार की गई चेक की तस्वीर है, जिसे गलत मंशा के साथ समय-समय पर वायरल किया जाता रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। बैंकों का कर्ज लेकर विदेश भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण की कोशिशों के बीच सोशल मीडिया पर बैंक चेक की एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया जा रहा है लंदन भागने से पहले विजय माल्या ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को चेक के जरिए 35 करोड़ रुपये का चंदा दिया था।

विश्वास न्यूज की पड़ताल में यह दावा फर्जी निकला। वायरल हो रहा बैंक चेक वास्तव में फोटोशॉप की मदद से तैयार किया फर्जी चेक है, जिस पर विजय माल्या का जाली दस्तखत है।

क्या है वायरल पोस्ट में?

फेसबुक यूजर ‘Bulandh Awaaz ਬੁਲੰਦ ਆਵਾਜ਼’ ने चेक को शेयर (आर्काइव लिंक) करते हुए दावा किया है, ”लंदन भागने से पहले विजय माल्या द्वारा दि्या गया 35 करोड़ रुपये का चेक भाजपा के पार्टी फंड में। देश को बचाने के लिए इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।”

विजय माल्या के नाम से वायरल रहो रहा फर्जी चेक

पड़ताल किए जाने तक इस पोस्ट को करीब 200 से अधिक लोगों ने शेयर किया है।

पड़ताल

यह पहली बार नहीं है जब फर्जी चेक की तस्वीर वायरल हुई है। माल्या से संबंधित खबरों के सामने आने के बाद अक्सर यह चेक समान दावे के साथ वायरल होने लगता है। दैनिक जागरण में 12 जून 2020 को न्यूज एजेंसी पीटीआई के हवाले से छपी खबर के मुताबिक, भारत ने ब्रिटेन में रह रहे माल्या को प्रत्यर्पित किए जाने की कोशिश तेज कर दी है। खबर के मुताबिक, ‘भारत ने ब्रिटेन से कहा है कि वह भगोड़े कारोबारी विजय माल्या की ओर से शरण के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करे, क्योंकि भारत में उसके उत्पीड़न का कोई आधार नहीं है।’

वास्तव में माल्या के नाम से वायरल हो रहा यह बैंक चेक फर्जी है, जिसे फोटोशॉप की मदद से तैयार किया गया है। चेक पर भारतीय जनता पार्टी का नाम अंग्रेजी में गलत लिखा हुआ है। चेक को जारी किए जाने की तारीख 8 नवंबर 2016 (08/11/2016) है, जबकि विजय माल्या 2 मार्च 2016 को भारत से विदेश भाग गए थे।

इस चेक पर विजय माल्या का दस्तखत भी नकली है। 26 जून 2018 को माल्या के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक चिट्ठी को ट्वीट किया गया है, जिसमें उनके वास्तविक दस्तखत को देखा जा सकता है।

वायरल हो रहे चेक पर कंपनी का नाम ‘ग्लैमर स्टील्स प्राइवेट लिमिटेड’ प्रिंट है, जिसके डायरेक्टर अमित कुमार सक्सेना और मुकेश कुमार हैं। ऐसी कोई कंपनी माल्या से संबंधित नहीं है।

चेक में मौजूद गलतियों को लाल रंग के बॉक्स की मदद से रेखांकित किया गया है

विश्वास न्यूज ने इस चेक की प्रामाणिकता के लिए एक्सिस बैंक के एक ब्रांच मैनेजर नितिन कुमार से भी संपर्क किया था। कुमार ने अपनी जांच में इस चेक को फर्जी पाया था। विश्वास न्यूज पर इस वायरल पोस्ट की विस्तृत पड़ताल को पढ़ा जा सकता है।

वायरल पोस्ट शेयर करने वाले यूजर को फेसबुक पर करीब तीन लाख से अधिक लोग फॉलो करते हैं। इस पेज पर पंजाबी भाषा में खबरें शेयर की जाती है।

निष्कर्ष: लंदन में रह रहे भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के नाम से वायरल हो रहा 35 करोड़ रुपये का चेक फर्जी है। वायरल हो रहा चेक वास्तव में बैंक चेक नहीं है, बल्कि फोटोशॉप की मदद से तैयार की गई चेक की तस्वीर है, जिसे गलत मंशा के साथ समय-समय पर वायरल किया जाता रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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