Quick Fact Check: बांग्लाादेश के अपराधी की तस्वी्र फिर से कांग्रेस के नेता के नाम से वायरल

हमारी जांच में पता चला कि जिस तस्वीार को असम के नेता की बताकर वायरल किया जा रहा है, वो बांग्लाेदेश का एक मदरसा टीचर है। वायरल पोस्ट गलत है।

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर 2 तस्वीरें वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि असम के कांग्रेस नेता अमजात अली को सेब की पेटी में हथियार और गोलियों के साथ हिरासत में लिया गया है। विश्वास टीम ने इस पोस्ट की पहले भी पड़ताल की थी। उस समय विश्वास की पड़ताल में यह पोस्टै फर्जी साबित हुई थी।

क्या है वायरल पोस्ट में

फेसबुक यूजर Anurag Agnihotri ने इस पोस्ट को 2 नवंबर को अपलोड किया। पहली तस्वीर में एक व्यक्ति को कुछ सुरक्षाकर्मियों के साथ देखा जा सकता है और दूसरी तस्वीर में एक सेब की पेटी और हथियार देखे जा सकते हैं। तस्वीोर के साथ लिखा है, “#असम के कांग्रेस नेता अमजात अली सेब की पेटी में हथियार और गोलियां के साथ हिरासत में। काफिरो को मारने का कर रहा था प्लान। पुलिस ने दबोचा।। इनकी पूरी तैयारी है #हिंदुओ”

वायरल पोस्ट का आर्काइव लिंक यहाँ देखें।

पड़ताल

वायरल तस्वीरों की सच्चााई जानने के लिए हमने दोनों तस्वीारों को अलग-अलग क्रॉप करके गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। पहली तस्वीार को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें बंगाली में लिखा हुआ एक ब्लॉग का लिंक मिला। इसके अनुसार, “मुबारक हुसैन नाम के एक टीचर को यौन उत्पीहड़न के आरोप में 2018 में बांग्लादेश में अरेस्ट किया गया था।”

दूसरी तस्वीर को जब हमने गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तो हमें greatkashmir.com का लिंक मिला। 29 अक्टूबबर 2018 को पब्लिश्ड एक खबर में इस तस्वीsर का इस्तेमाल किया गया था। कैप्शलन में लिखा है, “श्रीनगर के बाहरी इलाके में बड़ी मात्रा में हथियार बरामद हुए हुए।”

इसके बाद हमने असम प्रदेश कांग्रेस कमिटी की वेबसाइट पर अमजात अली नाम के नेता के बारे में ढूंढने की कोशिश की। हमें कहीं भी ऐसे किसी नेता का नाम नहीं मिला।

हमने इस बारे में पुष्टि के लिए असम कांग्रेस समिति के अध्यक्ष रिपून बोरा से संपर्क साधा। उन्होंने कहा “यह पोस्ट बेबुनियाद है। अमजात अली नाम का कोई नेता असम कांग्रेस में नहीं है।”

अंत में हमने फर्जी पोस्टु फैलाने वाले यूजर की सोशल स्कैानिंग की। Anurag Agnihotri दिल्ली के रहने वाले हैं।

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें।

निष्कर्ष: हमारी जांच में पता चला कि जिस तस्वीार को असम के नेता की बताकर वायरल किया जा रहा है, वो बांग्लाेदेश का एक मदरसा टीचर है। वायरल पोस्ट गलत है।

False
Symbols that define nature of fake news
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