वायरल हो रही तस्वीर अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरिसन की नहीं, बल्कि असम के कार्टूनिस्ट अमल मेधी का कार्टून है। असल में जो कार्टून अमल मेधी ने बनाया था उसमें भी छेड़छाड़ की गई है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर आज कल फिरसे एक कार्टून वायरल हो रहा है जिसके साथ दावा किया जा रहा है कि अमेरिका के राजनीतिक कार्टूनिस्ट बेन गैरिसन ने यह कार्टून बनाया है। विश्वास न्यूज़ ने पहले भी ऐसे ही एक दावे की पड़ताल की थी। उस समय हमने अपनी पड़ताल में इस वायरल हो रहे दावे को फर्जी पाया था। हमारी जांच में पता चला कि यह वायरल कार्टून बेन गैरिसन ने नहीं, बल्कि असम के कार्टूनिस्ट अमल मेधी ने बनाया था।
क्या हो रहा है वायरल?
फेसबुक यूजर “भक्तों के पापा बकचोदी” ने एक कार्टून की तस्वीर शेयर किया जिसके अंदर लिखा था “अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरीसन ने अपने इस कार्टून में 07 साल की कहानी बयाँ कर दी”
पड़ताल
विश्वास न्यूज़ ने पहले भी ऐसे ही एक दावे की पड़ताल की थी। उस समय अपनी पड़ताल को शुरू करने के लिए हमने सबसे पहले बेन गैरिसन से संपर्क किया था। बेन गैरिसन की पत्नी टीना गैरिसन ने जवाब देते हुए कहा था “यह वायरल हो रहा कार्टून बेन गैरिसन ने नहीं बनाया है। बेन भारत की राजनीति से जुड़े कार्टून नहीं बनाते हैं। बेन के सारे बनाए कार्टून उनकी वेबसाइट पर देखे जा सकते हैं।”
विश्वास न्यूज़ को अपनी पड़ताल के दौरान बेन गैरिसन का एक ट्वीट भी मिला, जिसमें उन्होंने बताया था कि वो भारतीय राजनीति से जुड़े कार्टून नहीं बनाते हैं।
ढूंढ़ने पर हमें पता चला कि असल में यह कार्टून असम के राजनीतिक कार्टूनिस्ट “अमल मेधी” ने बनाया था। हमें यह कार्टून अमल मेधी के फेसबुक पेज पर मिला। यह पोस्ट 29 सितंबर 2015 को किया गया था। बस फर्क इतना था कि इस कार्टून में भाजपा का नाम नहीं था और इस कार्टून में नीचे अमल मेधी के दस्तखत भी आप देख सकते हैं।
हमने इस विषय में अमल मेधी से भी संपर्क साधा था। अमल ने हमें बताया था कि यह कार्टून उन्होंने 2015 में बनाया था और बाद में लोगों ने इस कार्टून को बेन गैरिसन के नाम से वायरल करना शुरू कर दिया था।
अंत में विश्वास टीम ने इस पोस्ट को वायरल करने वाले यूजर “भक्तों के पापा बकचोदी” के अकाउंट की सोशल स्कैनिंग करने का फैसला किया। हमने पाया कि पेज को 17,421 लोग फॉलो करते हैं।
पूरी पड़ताल यहाँ क्लिक करके पढ़ी जा सकती है।
निष्कर्ष: वायरल हो रही तस्वीर अमेरिकी कार्टूनिस्ट बेन गैरिसन की नहीं, बल्कि असम के कार्टूनिस्ट अमल मेधी का कार्टून है। असल में जो कार्टून अमल मेधी ने बनाया था उसमें भी छेड़छाड़ की गई है।
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