तुर्की की मस्जिद के नाम से वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि जर्मनी के बर्लिन में बने अमेरिका के एक पुराने फील्ड स्टेशन की तस्वीर को मस्जिद बताकर वायरल किया जा रहा है।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। इसमें एक इमारत नजर आ रही है। यूजर्स इमारत की तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए एक समुदाय पर निशाना साधते हुए दावा कर रहे हैं कि यह तुर्की की एक मस्जिद की फोटो है। विश्वास न्यूज ने एक बार पहले भी इस तस्वीर की सच्चाई सामने लाई थी। दरअसल जर्मनी के बर्लिन में अमेरिका के एक पुराने फील्ड स्टेशन की तस्वीर को कुछ लोग हर बार तुर्की की मस्जिद बताकर सोशल मीडिया में वायरल करते रहते हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्ट पूरी तरह फर्जी साबित हुई।
फेसबुक यूजर सुशील गोरेचा ने 19 सितंबर को एक तस्वीर को शेयर करते हुए दावा किया : “यह टर्की का मुख्य मस्जिद है बाकी डिजाइन से आप अंदाज़ा लगा ले…कोई भी इस गलतफहमी मे ना रहे की ताजमहल इन फटिचरो ने बनवाया होगा।”
पोस्ट को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्ट का आर्काइव वर्जन यहां देखा सकता है।
विश्वास न्यूज ने तुर्की की मस्जिद के नाम से वायरल तस्वीर का सच जानने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्तेमाल किया था। इसकी मदद से हमें कई जगह यह तस्वीर मिली।
रायटर्स की वेबसाइट पर मौजूद एक खबर में भी इस तस्वीर का इस्तेमाल करते हुए इसे बर्लिन का बताया गया। खबर में इस्तेमाल फोटो कैप्शन में बताया गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (NSA) के पूर्व लिसनिंग स्टेशन के एंटीना बर्लिन में तुफेल्सबर्ग पहाड़ी या डेविल्स माउंटेन पर दिखे हैं। इस तस्वीर को रॉयटर्स के फोटोग्राफर फैब्रिजिओ बेंसच ने 5 नवंबर 2013 को खींचा था। पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।
जांच के दौरान इससे जुड़े वीडियो हमें कई यूट्यूब चैनलों पर भी मिले। इनमें बताया गया कि जर्मनी में मौजूद तुफेल्सबर्ग हिल की ऊंचाई पर अमेरिका की नेशनल सिक्युरिटी एजेंसी ने कोल्ड वार के वक्त यह फील्ड स्टेशन बनाया था। पूरा वीडियो यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल के अगले चरण में विश्वास न्यूज ने रॉयटर्स के फोटोग्राफर फैब्रिजिओ बेंसच को ईमेल किया था। हमें रॉयटर्स के न्यूज फीचर्स जर्मनी के सीनियर एडिटर इन चार्ज Joachim Herrmann ने बताया कि तस्वीर तुर्की की किसी मस्जिद की नहीं, बल्कि बर्लिन में बने सेंटर की है।
पिछली पड़ताल को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्ट वायरल करने वाला यूजर कौन है। हमें फेसबुक यूजर सुशील गोरेचा की सोशल स्कैनिंग से पता चला कि यूजर महाराष्ट्र के पुणे में रहता है। फेसबुक पर इसके पांच हजार से ज्यादा फ्रेंड हैं।
निष्कर्ष: तुर्की की मस्जिद के नाम से वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि जर्मनी के बर्लिन में बने अमेरिका के एक पुराने फील्ड स्टेशन की तस्वीर को मस्जिद बताकर वायरल किया जा रहा है।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।