Quick Fact Check: कांग्रेस मीटिंग की पुरानी तस्‍वीर एडिट करके फिर से की गई वायरल

पड़ताल में पाया कि वायरल तस्‍वीर एडिटेड है। किसी ने ओरिजनल तस्‍वीर में अलग से चोर ग्रुप में लिख दिया। जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली।

Quick Fact Check: कांग्रेस मीटिंग की पुरानी तस्‍वीर एडिट करके फिर से की गई वायरल

नई दिल्ली (Vishvas News). सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत दूसरे नेता मंच पर बैठे हुए दिख रहे हैं। उनके पीछे एक बैनर लिखा हुआ है। इसके ऊपर कथिततौर पर इंडियन नेशनल कांग्रेस और चोर ग्रुप मीटिंग लिखा हुआ नजर आ रहा है। कुछ सोशल मीडिया यूजर्स इस तस्‍वीर को सच मानकर वायरल कर रहे हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने एक बार पहले भी वायरल तस्‍वीर की जांच की थी। हमने पड़ताल में पाया कि वायरल तस्‍वीर एडिटेड है। किसी ने ओरिजनल तस्‍वीर में अलग से चोर ग्रुप में लिख दिया। जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राकेश कुमार रंगा ने 25 नवंबर को एक तस्‍वीर को शेयर करते हुए लिखा : ‘ऐसे लोग भी देश का प्रधानमंत्री बननें का सपना देखते हैं! हकीकत छुप नहीं सकती बनावट के उसूलों से !! खुशबू आ नहीं सकती कागज के फूलों से!! सचाईमगरकड़वी_है !!’

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर का सच पता लगाने के लिए सबसे पहले गूगल रिवर्स इमेज टूल का इस्‍तेमाल किया। ओरिजनल तस्‍वीर हमें जी न्‍यूज की वेबसाइट पर 10 अगस्‍त 2019 को मिली। इसे यहां देखा जा सकता है। पड़ताल के दौरान वायरल तस्‍वीर जैसी तस्‍वीरें कई न्‍यूज वेबसाइट पर भी मिली। इन तस्‍वीरों में दिख रहे बैनर पर केवल इंडियन नेशनल कांग्रेस ही लिखा हुआ नजर आया।

विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए इस इवेंट के वीडियो को तलाश करना शुरू किया। सर्च में हमें इंडियन नेशनल कांग्रेस के वेरिफाइड यूट्यूब चैनल पर 25 मई 2019 को अपलोड हुआ इसी मीटिंग का वीडियो मिला। इसे नीचे देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल तस्‍वीर की जांच कर चुका है। इस पड़ताल को यहां विस्‍तार से पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर राकेश कुमार रंगा के चार हजार से ज्‍यादा दोस्‍त हैं। यूजर चंडीगढ़ का रहने वाला है।

निष्कर्ष: पड़ताल में पाया कि वायरल तस्‍वीर एडिटेड है। किसी ने ओरिजनल तस्‍वीर में अलग से चोर ग्रुप में लिख दिया। जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली।

False
Symbols that define nature of fake news
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