नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर में एक युवक को अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाते हुए देखा जा सकता है। तस्वीर को शेयर किए जाने का समय देखकर यह भ्रम हो रहा है कि यह हालिया घटना से संबंधित है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक निकला। मुंबई के अमर जवान मेमोरियल से जुड़ी यह तस्वीर करीब आठ साल पुरानी है।
सोशल मीडिया यूजर ‘Kaushal Sandilya’ ने एक सितंबर को तस्वीर (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, ”कैसे ना कहूं कि,ये साले देश का गद्दार नहीं है।🙄” कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।
यह पहला मौका नहीं है, जब यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। इससे पहले इस तस्वीर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ चल रहे देशव्यापी विरोध प्रदर्शन से जोड़कर वायरल किया गया था, तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी।
वास्तव में यह तस्वीर 11 अगस्त 2012 को मुंबई के आजाद मैदान में हुई रैली से संबंधित है, जब असम और रखाईन में हुए दंगों के विरोध में मुंबई में निकाली गई रैली हिंसक हो गई थी और उत्पातियों ने सार्वजनिक संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया था। मिड डे में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, दो युवकों ने अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाया था, जिन्हें पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया था। दोनों युवकों की पहचान शाहबाज अब्दुल कादिर शेख और अब्दुल कादिर मोहम्मद यूनुस अंसारी के तौर पर हुई थी।
निष्कर्ष: मुंबई के आजाद मैदान में बने अमर जवान मेमोरियल को नुकसान पहुंचाते युवक की तस्वीर 2012 की है, जब एक रैली हिंसक हो गई थी। इसी तस्वीर को हाल का बताकर भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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