Quick Fact Check: बंगाल के इस्कॉन मंदिर के पुजारी की तस्वीर फिर से सोशल मीडिया पर फर्जी दावे से वायरल

सोशल मीडिया पर इस्कॉन मंदिर के पुजारी की तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। वायरल तस्वीर बांग्लादेश की नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल की 2016 की तस्वीर है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक तस्वीर को लेकर दावा किया जा रहा है कि इसमें नजर आ रहे संत का नाम स्वामी निताई दास है और बांग्लादेश में उनकी हत्या कर दी गई है। वायरल तस्वीर में उन्हें मुस्लिम समुदाय के लोगों को भोजन कराते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि इस्कॉन मंदिर के स्वामी निताई दास रमजान के महीने में इफ्तारी का आयोजन किया करते थे।

विश्वास न्यूज की जांच में यह दावा भ्रामक और सांप्रदायिक दु्ष्प्रचार साबित हुआ। वायरल हो रही तस्वीर बांग्लादेश की नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल की है, जिसे भ्रामक दावे के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है।

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘मैं हिन्दू हूँ सनातनी’ ने वायरल तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है, ”ये है इस्कॉन मंदिर के स्वामी निताई दास रमजान में रोजा इफ्तारी करवाते हुए…बांग्लादेश मे कल इनकी भी हत्या कर दी गयी है।😥”

सोशल मीडिया पर फर्जी दावे के साथ वायरल हो रही तस्वीर

कई अन्य यूजर्स ने इस तस्वीर को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। ट्विटर पर भी कई यूजर्स ने इस तस्वीर को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किए जाने पर हमें यह तस्वीर ucanews न्यूज नाम की एक वेबसाइट पर 4 जुलाई 2016 को प्रकाशित रिपोर्ट में लगी मिली। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह तस्वीर ”इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस के एक साधु ने 22 जून को मायापुर में हिंदू समूह के मंदिर में इफ्तार के दौरान मुसलमानों को मिठाई खिलाई।”

अन्य न्यूज रिपोर्ट में भी यह तस्वीर समान दावे के साथ इस्तेमाल की गई है और इसे पश्चिम बंगाल का ही बताया गया है। रिपोर्ट में संबंधित कार्यक्रम की अन्य तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया है।

इससे पहले भी यह तस्वीर समान दावे के साथ सोशल मीडया पर वायरल हुई थी, तब विश्वास न्यूज ने इसकी पड़ताल की थी। फैक्ट चेक रिपोर्ट को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: सोशल मीडिया पर इस्कॉन मंदिर के पुजारी की तस्वीर को सांप्रदायिक रंग देकर वायरल किया जा रहा है। वायरल तस्वीर बांग्लादेश की नहीं, बल्कि पश्चिम बंगाल की 2016 की तस्वीर है।

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