विश्वास न्यूज की जांच में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए 80 मुसलमानों के घर खरीदने की बात झूठी साबित हुई।
विश्वास न्यूज (नई दिल्ली)। वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का काम तेजी से चल रहा है। इसे लेकर कई बार फर्जी तस्वीरें, वीडियो और खबरें सोशल मीडिया पर वायरल होती रही हैं। जिनकी विश्वास न्यूज ने समय-समय पर पड़ताल की है। अब एक बार फिर से सोशल मीडिया में एक पोस्ट वायरल हो रही है। इसमें एक मंदिर को देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए 80 मुसलमानों के घर जब तोड़े गए तो 45 पुराने मंदिर मिले। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई। कॉरिडोर के लिए खरीदे गए भवनों में एक भी भवन मुसलमानों के नहीं था।
पुरानी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
फेसबुक पर एक वीडियो वायरल करते हुए कई यूजर्स यह झूठ फैला रहे हैं कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए 80 मुसलमानों का घर खरीदा गया। एक ऐसे ही यूजर जितेश श्रीमाली ने 17 जून को दावा किया : ‘ब्रेकिंग न्यूज काशी विश्वनाथ मंदिर से गंगा नदी तक सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिए मोदी ने सड़क पर आ रहे 80 मुसलमानों के घर खरीदना शुरू कर दिया. जब इन घरों को तोड़ा गया तो इसमें 45 पुराने मंदिर मिले।’
फेसबुक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की पहले भी एक बार पड़ताल की थी। उस वक्त हमने श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के तत्कालीन मुख्य कार्यपालक विशाल सिंह से सीधे संपर्क किया था। उन्होंने बताया कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जिस स्थान पर बन रहा है, वहां एक भी मुसलमान का घर नहीं था। कई घरों के अंदर मंदिर थे, लेकिन यह कहना कि मुसलमानों के 80 घरों से मंदिर निकले, यह गलत है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल को विस्तार से आप यहां पढ़ सकते हैं।
हमें यह जानना था कि अब फर्जी पोस्ट करने वाला यूजर कौन है। हमें पता चला कि जितेश श्रीमाली के चार हजार से ज्यादा फ्रेंड हैं। 2010 से फेसबुक पर सक्रिय यह यूजर उदयपुर का रहने वाला है।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए 80 मुसलमानों के घर खरीदने की बात झूठी साबित हुई।
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