आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में जैन समुदाय की लड़की को भगाए जाने और उसकी प्रतिक्रिया में 1800 लोगों को नौकरी से हटाये जाने की घटना झूठी साबित होती है। ऐसा कोई भी मामला नेल्लोर में पेश नहीं आया है।
नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट में दावा किया गया है कि आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में एक मुस्लिम लड़का जैन लड़की को भगा ले गया और फिर जैन समाज के 550 दुकानदारों ने अपनी दुकानों में काम करने वाले 1800 मुस्लिमों को निकाल दिया। इसके बाद मुस्लिम समाज के लोगों के कुछ ही घंटों के भीतर लड़की को उसके घर तक छोड़ गए। सोशल मीडिया पर इस मनगढ़ंत पोस्ट को जैन- मुस्लिम एंगल के साथ वायरल किया जा रहा है।
विश्वास न्यूज की जांच में यह वायरल पोस्ट झूठ और मनगढ़ंत साबित हुआ है। आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में ऐसा कोई भी मामला पेश नहीं आया है।
फेसबुक यूजर ‘Babloo Bisht’ ने वायरल पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा है, ‘जैन समाज से कुछ सिखा। एकता में कितना बल होता है। जय हिंद।’
कई अन्य फेसबुक यूजर्स ने इस पोस्ट को मिलते-जुलते और समान दावे के साथ शेयर किया है।
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर यह पोस्ट पहले भी वायरल हो चुका है, जो विश्वास न्यूज की पड़ताल में झूठ साबित हुआ था। वास्तव में ऐसी कोई घटना आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में नहीं हुई है। वायरल पोस्ट मनगढ़ंत और झूठी कहानी है, जिसका सच्चाई से कोई-लेना देना नहीं है। विश्वास न्यूज की पूरी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।
नेल्लोर पुलिस की तरफ से 28 दिसंबर 2019 को इस काल्पनिक और झूठे दावे का खंडन भी जारी किया जा चुका है, जिसे नीचे पढ़ा जा सकता है।
वायरल पोस्ट शेयर करने वाला फेसबुक यूजर बब्लू बिष्ट नई दिल्ली का रहने वाला है। फेसबुक पर उसे 166 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष: आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में जैन समुदाय की लड़की को भगाए जाने और उसकी प्रतिक्रिया में 1800 लोगों को नौकरी से हटाये जाने की घटना झूठी साबित होती है। ऐसा कोई भी मामला नेल्लोर में पेश नहीं आया है।
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