Fact Check : लद्दाख में 75 भारतीय सैनिकों के शहीद होने की खबर फर्जी है

लद्दाख में 75 सैनिकों के मारे जाने की खबर झूठी है। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि ताबूतों की पुरानी तस्‍वीरों के जरिए झूठ फैलाया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। भारत-चीन तनाव के बीच सोशल मीडिया पर भारतीय सेना के जवानों को लेकर फर्जी खबर वायरल हो रही है। कुछ लोग यह झूठ फैला रहे हैं कि लद्दाख में चीन ने हमारे 75 हिंदुस्‍तानी सैनिकों को शहीद कर दिया।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में यह खबर झूठी निकली। खुद भारतीय सेना ने इस खबर को बकवास बताया।

क्‍या हो रहा है वायरल

‘कश्‍मीर न्‍यूज अपडेट’ नाम के एक फेसबुक पेज ने 25 मई को ताबूतों की एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए सेना के लिए आपत्तिजनक शब्‍दों का इस्‍तेमाल करते हुए दावा किया : ’75 indian troops reached hell,a silent messege from China in ladakh
Raam raam satty ha.’

फेसबुक के अलावा ट्विटर और वॉट्सऐप पर भी यह फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है।

पड़ताल

दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक, भारत की ओर से लद्दाख सीमा के निकट भारतीय क्षेत्र में सड़कों और दूसरे आधारभूत ढांचों के निर्माण को रोकने के मकसद से चीनी सेना ने सीमा पर तनाव बढ़ा दिया है।

इसी के बीच सोशल मीडिया पर 75 जवानों की मौत की अफवाह ने सोशल मीडिया में तनाव बढ़ाया है। इसकी जांच करने के लिए हमने सबसे पहले गूगल में अलग-अलग कीवर्ड डालकर खबरों को सर्च करना शुरू किया। हमें भारत-चीन के तनाव की तो खबरें मिलीं, लेकिन एक भी ऐसी खबर नहीं मिली जो वायरल पोस्‍ट के दावे की पुष्टि करती हो।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने तिरंगे में लिपटे ताबूतों की सच्‍चाई जाननी चाहिए। इसके लिए हमने इस तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया। हमें पता चला कि इस तस्‍वीर को पीटीआई के फोटो जर्नलिस्‍ट ने 15 फरवरी 2019 को क्लिक की थी। यह ताबूत पुलवामा आतंकी हमले में शहीद सैनिकों के थे।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने भारतीय सेना के पीआरओ के अरुण से संपर्क किया। उन्‍होंने वायरल पोस्‍ट को फेक बताया।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले फेसबुक पेज कश्‍मीर न्‍यूज अपडेट की जांच की। इसकी सोशल स्‍कैनिंग में हमें पता चला कि इस पेज को 10 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज को 30 मार्च 2020 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: लद्दाख में 75 सैनिकों के मारे जाने की खबर झूठी है। विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि ताबूतों की पुरानी तस्‍वीरों के जरिए झूठ फैलाया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
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