Fact Check : पीएम मोदी के साथ चीनी नेता नहीं, किर्गिस्‍तान के प्रेसिडेंट हैं, वायरल पोस्‍ट फर्जी है

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि चीन के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। तस्‍वीर में मोदी के साथ किर्गिस्‍तान के प्रेसिडेंट हैं। तस्‍वीर एक साल पुरानी है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग चीन से जोड़कर वायरल कर रहे हैं। इस तस्‍वीर में मोदी को परंपरागत ड्रेस पहने हुए एक विदेशी नेता से हाथ मिलाते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस तस्‍वीर को चीन के नाम पर वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। दरअसल तस्‍वीर में पीएम मोदी के साथ किर्गिस्तान के प्रेसिडेंट जीनबेकोव हैं। इन्‍हें कुछ लोग चीन का नेता समझकर वायरल कर रहे हैं। तस्‍वीर जून 2019 की है।

क्‍या हो रहा है वायरल

ट्विटर यूजर Mukesh Gupta @MukeshForInc ने 28 जून को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए दावा किया : #ModiChiniBhaiBhai बस इसी गठजोड़ ने देश की “वाट” लगाई…!!

इस तस्‍वीर को चीन की समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

वायरल पोस्‍ट का ट्विटर और आकाईव वर्जन देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च किया। हमें यह तस्‍वीर कई न्‍यूज वेबसाइट पर मिली। 

16 जून 2019 को इसी तस्‍वीर को द हिंदू नाम की वेबसाइट ने पब्लिश करते हुए लिखा कि किर्गिस्तान के प्रेसिडेंट सुरोनबे जीनबेकोव राजधानी बिशकेक में अपने देश की परंपरागत ड्रेस नरेंद्र मोदी को देते हुए।

अंग्रेजी में कैप्‍शन कुछ यूं था : In Bishkek, Kyrgyzstan President Jeenbekov presented Prime Minister Narendra Modi a Kalpak (hat), a Chapan (coat) and a Samovar (container to boil water.).

पड़ताल के दौरान हमें ओरिजनल तस्‍वीर भारत के प्रधानमंत्री के ट्विटर हैंडल @PMOIndia पर भी मिली। ओरिजनल तस्‍वीर के अलावा तीन अन्‍य तस्‍वीरें भी हमें इसी दौरान की मिलीं। इसमें भी बताया गया कि किर्गिस्तान के प्रेसिडेंट जीनबेकोव ने मोदी को परंपरागत ड्रेस दिया। यह ट्वीट 15 जून 2019 को किया गया था।

इसके बाद हमने भाजपा प्रवक्‍ता तेजिंदर पाल सिंह बग्‍गा से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्‍वीर करीब एक साल पुरानी है, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किर्गिस्‍तान की यात्रा पर गए थे। इस तस्‍वीर को कुछ लोग चीन के नाम पर वायरल कर रहे हैं, जो कि झूठ है।

अंत में हमने फर्जी दावा करने वाले ट्विटर हैंडल मुकेश गुप्‍ता के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर एक राजनीतिक दल से जुड़ा हुआ है। यह हैंडल दिसंबर 2014 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में पता चला कि चीन के नाम पर वायरल पोस्‍ट फर्जी है। तस्‍वीर में मोदी के साथ किर्गिस्‍तान के प्रेसिडेंट हैं। तस्‍वीर एक साल पुरानी है।

False
Symbols that define nature of fake news
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