Fact Check : पीएम मोदी के 2019 के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके किया जा रहा है वायरल

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल की। जांच में वायरल वीडियो एडिटेड है।

Fact Check : पीएम मोदी के 2019 के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पीएम नरेंद्र मोदी को एक स्‍क्रीन पर देखते हुए दिखाया गया है। स्‍क्रीन पर एक व्‍यक्ति को मारते हुए‍ दिखाया गया है। इसके अलावा थंबनेल में यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की तस्‍वीर का भी इस्‍तेमाल किया गया है। इस वीडियो को इस तरह से वायरल किया जा रहा है कि जैसे पीएम मोदी स्‍क्रीन में मारते हुए व्‍यक्ति को ध्‍यान से देख रहे हैं। कई सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो को सच समझकर शेयर कर रहे हैं।

विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल की। जांच में वायरल वीडियो एडिटेड है। असली वीडियो में पीएम मोदी टीवी पर जुलाई, 2019 में चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग का लाइव टेलीकास्ट देख रहे थे। एडिटिंग टूल्‍स की मदद से वायरल वीडियो को तैयार करके झूठ फैलाया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

इंस्‍टाग्राम अमित चौधरी ने 6 फरवरी को एक वीडियो को पोस्‍ट किया। इसमें पीएम मोदी को स्‍क्रीन की तरफ एक शख्‍स को मारते हुए एक व्‍यक्ति को देखा जा सकता है।

वीडियो को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी इसे वायरल कर रहे हैं। पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। जब हमने संबंधित कीवर्ड्स से सर्च करना शुरू किया, तब असली वीडियो बिजनेस टुडे के आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर मिला। इसे 22 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया था। वीडियो के साथ कैप्‍शन में बताया गया कि पीएम मोदी को चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग के वीडियो को देखते हुए देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए यूट्यूब का रूख किया। वहां कीवर्ड से सर्च करने पर एबीपी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर यही वीडियो मिला। इसे यहां 22 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया था। वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग का सीधा प्रसारण देखा।

पड़ताल के दौरान असली वीडियो एएनआई और दूरदर्शन नेशनल के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी मिला। इन दोनों के एक्‍स हैंडल पर इसे 22 जुलाई 2019 को अपलोड किया गया था।

https://twitter.com/DDNational/status/1153343587842580480

विश्‍वास न्‍यूज ने पिछली पड़ताल के दौरान बीजेपी के प्रवक्ता विजय सोनकर शास्त्री से संपर्क किया। उन्होंने वीडियो को एडिटेड बताया था।

पिछली पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में हमने फर्जी वीडियो को शेयर करने वाले इंस्‍टाग्राम हैंडल अमित चौधरी की जांच की। यूजर को 1700 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष : विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो फर्जी है। पीएम मोदी के एडिटेड वीडियो को गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। असली वीडियो 2019 का है।

False
Symbols that define nature of fake news
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