Fact Check : पीएम मोदी ने नहीं कही संविधान बदलने की बात, फर्जी है दावा

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहीं भी संविधान को बदलने या मनुस्मृति की बात नहीं कही थी।

Fact Check : पीएम मोदी ने नहीं कही संविधान बदलने की बात, फर्जी है दावा

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। लोकसभा चुनाव 2024 की गतिविधियां जोरों पर है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण से जुड़ी एक वीडियो क्लिप वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्‍होंने संविधान बदलने की बात कहते हुए मनुस्मृति वाले संविधान को लाने की बात कही है। पोस्‍ट को सच समझकर इसे सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर शेयर किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहीं भी संविधान को बदलने या मनुस्मृति की बात नहीं कही थी। उनके भाषण के एक हिस्‍से को काटकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर विक्रम यादव ने 13 अप्रैल को पीएम मोदी की एक वीडियो क्लिप को अपलोड करते हुए लिखा, “मैं पुराने संविधान को बदलकर मनुस्मृति वाला संविधान बनाऊंगा जिसे स्वयं बाबा साहब अम्बेडकर भी आकर खत्म नहीं कर सकते है। क्या घमंडी नरेंद्र मोदी यह कहना चाहता है?”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। असली वीडियो हमें नरेंद्र मोदी के यूट्यूब चैनल पर मिला। 12 अप्रैल को अपलोड इस वीडियो के 19:25 मिनट की टाइम लाइन पर वायरल क्लिप वाले हिस्‍से को देखा जा सकता है। इसमें पीएम मोदी को कांग्रेस पर हमला बोलते हुए सुना जा सकता है।

संविधान पर उन्‍हें बोलते हुए सुना जा सकता है कि जहां तक संविधान का सवाल है। आप मानकर चलिए। यह मोदी के शब्‍द है। लिखकर रखिए। बाबा साहेब खुद आए जाएं तो भी संविधान खत्‍म नहीं कर सकते हैं। हमारा संविधान सरकार के लिए गीता है, रामायण है, महाभारत है, बाइबिल है, कुरान है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पूरे वीडियो को ध्‍यान से सुना । इसमें कहीं भी पीएम मोदी ने संविधान को बदलने की बात नहीं कही थी, जैसा कि वायरल क्लिप के साथ दावा किया गया है। पीएम मोदी राजस्‍थान के बाड़मेर में चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे।

सर्च के दौरान कई मीडिया रिपोर्ट्स में बाड़मेर से जुड़ी खबर मिली। अमर उजाला ने अपनी वेबसाइट पर विस्‍तार से इस रैली से जुड़ी खबर को स्‍थान दिया। 12 अप्रैल को पब्लिश एक खबर में बताया गया, “राजस्थान के बाड़मेर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित किया । यहां दूसरे चरण में लोकसभा चुनाव होने जा रहा है। बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर बीजेपी के कैलाश चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं।”

अमर उजाला की वेबसाइट पर पब्लिश खबर का स्‍क्रीनशॉट

खबर में पीएम मोदी के हवाले से लिखा गया, “बाबा साहब अंबेडकर खुद आ जाएं तो भी संविधान खत्म नहीं कर सकते। यह संविधान हमारे लिए गीता, कुरान, बाइबल सब कुछ है। ये इंडी अलायंस वाले कितनी नफरत से भरे हुए हैं, यह इनके घोषणा पत्र में नजर आता है।” पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, जयपुर के वरिष्‍ठ संवाददाता नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री ने बाड़मेर की रैली में संविधान बदलने को लेकर ऐसा कोई बयान नहीं दिया था, जैसा कि वायरल पोस्‍ट में दावा किया जा रहा है। वायरल पोस्‍ट गलत है।

पड़ताल के अंत में फेसबुक यूजर विक्रम यादव की जांच की गई। पता चला कि यूजर को नौ हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर पटना के रहने वाले हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि पीएम मोदी की वायरल क्लिप के साथ किया गया दावा फेक है। पीएम मोदी ने संविधान को बदलकर मनुस्मृति वाला संविधान बनाने की कोई बात नहीं की थी।

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