Fact Check : 2019 में दिल्‍ली में हुई थी ऑटो ड्राइवर की पिटाई, तस्‍वीर अब किसान रैली की बताकर की जा रही वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। दिल्‍ली के मुखर्जीनगर में हुई एक घटना से संबंधित फोटो को अब कुछ लोग 26 जनवरी को हुए उत्‍पात से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

Fact Check : 2019 में दिल्‍ली में हुई थी ऑटो ड्राइवर की पिटाई, तस्‍वीर अब किसान रैली की बताकर की जा रही वायरल

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। 26 जनवरी को दिल्‍ली में किसान आंदोलन के दौरान हुए उत्‍पात के बाद से सोशल मीडिया में कई पुरानी तस्‍वीरें और वीडियो फर्जी दावों के साथ वायरल हो रहे हैं। इसी क्रम में अब एक सिख युवक की तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसमें इस युवक की पीठ पर लाल निशान को देखा जा सकता है। यूजर्स इसे किसान आंदोलन से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि 26 जनवरी को हुए उत्‍पात के बाद पुलिस लाठीचार्ज में इस युवक को बेहरमी से पीटा गया।

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। दिल्‍ली के मुखर्जी नगर में कई साल पहले एक सिख ऑटो ड्राइवर की पिटाई की तस्‍वीर को अब कुछ लोग किसान की बताकर वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राजेश कुमार झा ने 27 जनवरी को ‘भारतीय विकास मंच 10 करोड़ सदस्यों का आरक्षण विरोधी संगठन’ नाम के एक ग्रुप पर एक फोटो को अपलोड करते हुए लिखा कि मत मारो लाठियों से मुझे में पहले से परेशान हूं, मेरी परेशानी की वजह ये है में एक किसान हूं 🙏🙏🙏

इस तस्‍वीर को किसान की समझकर दूसरे यूजर्स भी खूब वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

26 जनवरी को दिल्‍ली में किसान आंदोलन की ट्रैक्‍टर परेड के दौरान हुए उत्‍पात के बाद से ही पुलिस से जुड़ी कई तस्‍वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल पोस्‍ट के साथ इस्‍तेमाल की गई तस्‍वीर को इंटरनेट पर खोजना शुरू किया। वायरल तस्‍वीर के अलावा भी हमें कई फोटो हरियाणा टाइम्‍स नाम के एक फेसबुक पेज पर मिली। 17 जून 2019 को अपलोड इस तस्‍वीर को लेकर बताया गया कि सरदार जी के शरीर पर यह निशान दिल्‍ली पुलिस की मार के कारण पड़ा। यह पोस्‍ट आप यहां देख सकते हैं।

जांच के दौराल हमें 17 जून 2019 का ए‍क ट्वीट मिला। इसमें लिखा गया कि मुखर्जी नगर पुलिस स्‍टेशन के बाद एक सिख ऑटो ड्राइवर और उसके बेटे की बेरहमी से पिटाई की गई।

https://twitter.com/SikhSangarsh/status/1140332923629051908

पड़ताल के दौरान हमें कई न्‍यूज मिलीं, जिसमें 2019 में मुखर्जी नगर में हुई इस घटना के बारे में विस्‍तार से बताया गया। नवोदय टाइम्‍स की वेबसाइट पर हमें इसी घटना से जुड़ी एक खबर मिली। 18 जून 2019 को पब्लिश खबर में बताया गया कि ऑटो चालक सबरजीत और उसके बेटे की पिटाई के बाद लोगों ने काफी हंगामा किया। कुछ पुलिसकर्मियों को सस्‍पेंड भी किया गया। पूरी खबर यहां देखें।

पड़ताल के दौरान दिल्‍ली पुलिस के अतिरिक्‍त जनसंपर्क अधिकारी एएसीपी अनिल मित्‍तल ने बताया कि सोशल मीडिया में एक सिख आदमी की तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसे कुछ लोग टैक्‍टर रैली की हिंसा के दौरान पुलिस लाठीचार्ज की बता रहे हैं। यह सिर्फ दुष्‍प्रचार है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

अंत में हमने फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर राजेश कुमार झा जमशेदपुर का रहने वाला है। इस अकाउंट को सितंबर 2016 को बनाया गया।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। दिल्‍ली के मुखर्जीनगर में हुई एक घटना से संबंधित फोटो को अब कुछ लोग 26 जनवरी को हुए उत्‍पात से जोड़कर वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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