पूरा सचः सीएम ममता बनर्जी का तोड़ मरोड़ कर बयान किया वायरल

पूरा सचः सीएम ममता बनर्जी का तोड़ मरोड़ कर बयान किया वायरल

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें उन्हें मुसलमानों का हिमायती बताया जा रहा है। हमारी टीम ने पड़ताल में पाया कि उनके आधे-अधूरे बयान को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है जबकि उनके पूरे बयान का अर्थ कुछ और ही है। उन्हें सिर्फ मुसलमानों का हिमायती बताना पूरी तरह गलत है।

क्या है वायरल पोस्ट में

गौरव प्रधान नाम के ट्विटर हैंडल से 19 जनवरी को किए ट्वीट में लिखा है- 

सेक्युलर वचन

इमेजिन करें ये पीए (ममता बनर्जी) बन सकती हैं?

इसके साथ एक फोटो अटैच की गई है जिसमें लिखा है कि ईमान का नाम मुसलमान है। ऐसा लग रहा है कि उन्होंने मुसलमानों के पक्ष में ये बयान दिया है।

इस ट्वीट पर अभी तक 143 लोगों ने रिप्लाई किया है। 883 यूजर्स ने रिट्वीट किया है और 1300 लोगों ने इसे लाइक किया है।

इसके साथ ही ऐसी ही कई पोस्ट ट्विटर और फेसबुक पर वायरल की गई हैं।

पड़ताल

हमने सबसे पहले यह जानने की कोशिश की कि मुसलमानों के बारे में ये लाइन आई कहां से। ममता बनर्जी ने 19 जनवरी को सुंयुक्त भारत रैली आयजित की थी। इसका उद्देश्य विपक्षी दलों को साथ लाना था। इस रैली में विपक्ष के बड़े नेता शामिल हुए जिनमें अखिलेश यादव, मल्लिकार्जुन खड़गे, एमके स्टालिन, एचडी कुमारस्वामी, अरविंद केजरीवाल और फारुख अब्दुल्ला जैसे बड़े नेता थे।

हमने इस पूरी रैली को सुनने का फैसला किया। ये वीडियो खुद ममता बनर्जी के फेसबुक अकाउंट से पोस्ट किया गया है। चार घंटे के इस वीडियो को हमने पूरा सुना। लेकिन इस वीडियो के अंत में करीब 3 घंटे 55 मिनट पर ममता ने कहा कि हिंदू का नाम है त्याग का नाम है। …ईमान का नाम है मुसलमान…प्यार का नाम है ईसाई सिखों का नाम है बलिदान। ये प्यारा हमारा हिंदुस्तान। सबको लेके एक साथ में चल सकता है….। इस वीडियो को सुनने पर साफ हो जाता है कि वह हिंदुस्तान की विविधता पर बात कर रही थी ना कि सिर्फ मुसलमानों पर।

इसके बाद गौरव प्रधान नाम के ट्विटर हैंडल की जांच की। doesfollow.com में हमने खोजा तो पाया कि पीएम नरेंद्र मोदी भी गौरव प्रधान को फॉलो करते हैं।

इसके बाद हमने गौरव प्रधान के ट्वीट को स्कैन करने का फैसला किया। इसमें अधिकतरक पोस्ट एक विशेष पार्टी का समर्थन कर रहे हैं।

निष्कर्ष- हमारी पड़ताल में पता चला है कि ममता बनर्जी के आधे-अधूरे बयान को वायरल किया जा रहा है। उनके पूरे बयान का मतलब कुछ और है।

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False
Symbols that define nature of fake news
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