Fact Check : कोरोना से जुड़ी एक साल पुरानी अखबार की खबर को अब किया जा रहा है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। अखबार की एक साल पुरानी खबर को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं।

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। देश में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच सोशल मीडिया में अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है। इस कटिंग को वायरल करते हुए यूजर्स दावा कर रहे हैं कि कोरोना वायरस के कारण बिहार सरकार ने 31 मार्च तक स्‍कूल कॉलेज, जू और सिनेमाहॉल को बंद कर दिया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि 2020 की एक पुरानी खबर को कुछ लोग अभी की समझकर वायरल कर रहे हैं। 22 मार्च को वायरल पोस्‍ट का फैक्‍ट चेक किए जाने तक बिहार में स्‍कूल-कॉलेज बंद या किसी भी प्रकार के लॉकडाउन को लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर शेर खान ने 19 मार्च को एक अखबार की कटिंग को अपलोड किया। इसमें लिखा था कि 31 मार्च तक स्‍कूल-कॉलेज, चिड़ियाघर, सिनेमा हॉल बंद।

इस पोस्‍ट को वॉट्सऐप, फेसबुक व ट्विटर पर खूब वायरल किया जा रहा है। पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत वायरल खबर को पढ़ने से की। इस खबर में डेटलाइन में लाइव सिटीज लिखा हुआ था। वायरल खबर की सच्‍चाई जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले लाइव सिटीज के मैनेजिंग डायरेक्‍टर ज्ञानेश्वर वात्स्यायन से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल कटिंग उन्‍हीं के अखबार लाइव सिटीज की है। यह एक साल पुरानी खबर है। अब अखबार को बंद कर दिया गया है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल में ’31 मार्च तक स्कूल-कॉलेज, चिड़ियाघर और सिनेमा हॉल बंद’ टाइप करके सर्च किया। हमें मार्च 2020 की कई खबरें इस शीर्षक के साथ मिली। हमें लेटेस्‍ट ऐसी कोई खबर नहीं मिली, जो वायरल दावे की पुष्टि करती हो।

लेटेस्‍ट खबरों के लिए हमने गूगल में अलग-अलग कीवर्ड्स टाइप करके खबरों को खोजना शुरू किया। हमें दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक खबर मिली। खबर में बताया गया कि बिहार में फिलहाल कोई लॉकडाउन के संकेत नहीं हैं, स्‍कूल भी खुले रहेंगे। यह खबर 20 मार्च 2021 को पब्लिश की गई थी। पूरी खबर यहां पढ़ें।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने दैनिक जागरण के बिहार के डिजिटल प्रभारी अमित आलोक से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल पोस्‍ट फेक है। एक साल पुरानी खबर को कुछ लोग अब वायरल कर रहे हैं।

जांच के अंतिम चरण में हमने फर्जी खबर फैलाने वाले यूजर की जांच की। हमें पता चला कि फेसबुक यूजर शेर खान एक राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। यूजर बिहार के पटना का रहने वाला है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। अखबार की एक साल पुरानी खबर को अब कुछ लोग वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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