Fact Check : संघ कार्यकर्ता को बंदी बनाए जाने के नाम से वायरल हुआ RSS की रैली का पुराना वीडियो

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। हैदराबाद में 25 दिसंबर 2019 को निकली गई संघ की रैली के वीडियो को अब कुछ लोग फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ की रैली का एक पुराना वीडियो फर्जी दावे के साथ वायरल हो रहा है। यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि एक संघ कार्यकर्ता को बंदी बनाए जाने पर 20 हजार स्‍वयंसेवकों ने रैली निकाली।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल हो रहे दावे की जांच की। हमें पता चला कि जिस वीडियो को अभी का बताया जा रहा है, दरअसल वह 25 दिसंबर 2019 का है। यह रैली हैदराबाद में निकाली गई थी। इसी रैली से जुड़ा एक दूसरा वीडियो भी पहले फर्जी दावे के साथ वायरल हो चुका है। उसकी पड़ताल यहां पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राकेश यादव हिन्‍दू ने 25 फरवरी को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया : ‘Rss कार्यकर्ता को बनाया था बंदी बदले में 20 हजार कार्यकर्ता ने निकाली रैली।’

इस वीडियो में संघ कार्यकर्ताओं की रैली को देखा जा सकता है। राकेश यादव के अलावा दूसरे यूजर्स भी इस रैली को हाल-फिलहाल का बताकर फर्जी दावों के साथ वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो का सच जानने के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले InVID टूल की मदद ली। InVID टूल में वीडियो को अपलोड करके कई स्‍क्रीनशॉट निकाले और फिर इन्‍हें रिवर्स इमेज के जरिए खोजना शुरू किया। ओरिजनल वीडियो हमें यूट्यूब पर मिला। 28 दिसंबर 2019 को ‘देश गुजरात एचडी’ नाम के एक यूट्यूब चैनल ने इसे अपलोड किया था। इसमें बताया गया कि हैदराबाद में संघ का विशाल मार्च। ओरिजनल वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।

अब तक की पड़ताल में यह साबित हो चुका था कि जिस वीडियो को अभी वायरल किया जा रहा है, वह पुराना है। पड़ताल के अगले चरण में हमने रैली से जुड़ी खबरों को सर्च करना शुरू किया। गूगल सर्च में संबंधित कीवर्ड से हमें कई ऐसी खबरें मिलीं, जिसमें हैदराबाद में हुई संघ की रैली को कवर किया गया था। ‘द न्यूज मिनट’ने भी एक ऐसी ही खबर पब्लिश की थी।

‘द न्यूज मिनट’ की रपट के अनुसार, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सरुरनगर स्टेडियम में 25 दिसंबर 2019 को संघ के स्‍वयंसेवकों को संबोधित किया था। यह रपट आप यहां पढ़ सकते हैं।

जांच के दौरान हमने न्‍यूज एजेंसी पर भी हैदराबाद रैली से जुड़ा कंटेंट खोजना शुरू किया। हमें एएनआई के ट्विटर हैंडल पर एक पोस्‍ट मिली। 25 दिसंबर 2019 को चार तस्‍वीरों को ट्वीट करते हुए एएनआई ने संघ की रैली और बैठक के बारे में जानकारी दी। यह आप नीचे देख सकते हैं।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ में संपर्क किया। संघ के अखिल भारतीय सहप्रचार प्रमुख नरेंद्र कुमार ने बताया कि अभी वायरल हो रहा वीडियो काफी पुराना है। हाल-फिलहाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ है।

अब हमें यह जानना था कि फर्जी पोस्‍ट करने वाला यूजर कौन है। यूजर की जांच में पता चला कि राकेश यादव हिन्‍दू दिल्‍ली में रहता है। इसे दो हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी निकली। हैदराबाद में 25 दिसंबर 2019 को निकली गई संघ की रैली के वीडियो को अब कुछ लोग फर्जी दावे के साथ वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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