Fact Check : राजस्‍थान में भाजपा के दो गुटों के भिड़ंत का पुराना वीडियो अब वायरल

राजस्‍थान की 2019 की चुनावी रैली के दौरान भाजपा के दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत के वीडियो को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। यूपी समेत पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों के बीच सोशल मीडिया में पुरानी तस्‍वीरें, वीडियो और बयानों को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफार्म पर 26 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को आपस में ही भिड़ते हुए देखा जा सकता है। यूजर्स इस वीडियो को अब बिना संदर्भ के साथ वायरल कर रहे हैं। इससे यह भ्रम हो रहा है कि वीडियो हाल-फिलहाल का ही है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच की तो पता चला कि 2019 में राजस्‍थान के अजमेर के मसूदा में घटी एक घटना के वीडियो को कुछ लोग भ्रामक तरीके से वायरल कर रहे हैं। वायरल वीडियो में अलग से भोजपुरी गाने को जोड़ा गया है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अजय कुमार झा आदर्श ने 20 जनवरी को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा : ‘भाजपाईयों के अच्छे दिन उमड़-घुमड़ कर आने शुरू हो गए हैं!’ वीडियो के अंदर लिखा है : बीजेपी वाले हैं स्‍वागत किया जा रहा है।

फेसबुक पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसके आकाईव्‍ड वर्जन को यहां देखें। सोशल मीडिया पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए सबसे पहले InVID टूल में वीडियो को अपलोड करके कई ग्रैब्‍स निकाले। फिर इसे गूगल रिवर्स सर्च टूल के जरिए खोजना शुरू किया। हमें ओरिजनल वीडियो दैनिक जागरण के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 12 अप्रैल 2019 को अपलोड करते हुए बताया गया कि राजस्‍थान के अजमेर के मसूदा में भाजपा के दो गुट आपस में भिड़ गए थे। पूरा वीडियो यहां देखें।

जांच के दौरान हमें ओरिजनल वीडियो एनआईए के ट्विटर हैंडल पर मिला। 12 अप्रैल 2019 को अपलोड करते हुए एएनआई ने लिखा कि अजमेर के मसूदा में रैली के दौरान भाजपा के दो गुट आपस में भिड़ गए। वीडियो को यहां देखा जा सकता है। वीडियो को 11 अप्रैल 2019 का बताया गया।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने जयपुर स्थित दैनिक जागरण के ब्‍यूरो चीफ नरेंद्र शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल वीडियो अजमेर के मसूदा का है। कुछ साल पहले वहां भाजपा के दो गुटों की आपस में भिड़ंत हो गई थी।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल के अंत में पुराने वीडियो को वायरल करने वाले यूजर अजय कुमार झा आदर्श की सोशल स्‍कैनिंग की। पता चला कि यूजर ने यह अकाउंट अप्रैल 2012 को बनाया था। इस अकाउंट को आठ हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने वर्ष 2020 को भी इस वायरल वीडियो की जांच की थी। उस वक्‍त यह वीडियो बिहार नेताओं की पिटाई के नाम पर वायरल हुआ था। उसकी पड़ताल को यहां पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: राजस्‍थान की 2019 की चुनावी रैली के दौरान भाजपा के दो गुटों के बीच हुई भिड़ंत के वीडियो को अब गलत संदर्भ के साथ वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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