Fact Check : राहुल गांधी के पुराने वीडियो को बीच से काटकर गलत संदर्भ के साथ किया गया वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। राहुल गांधी के अधूरे बयान को कुछ लोग झूठे दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक वीडियो क्लिप खूब वायरल हो रही है। इसमें उन्‍हें कथित रूप से बोलते हुए सुना जा सकता है कि किसान का कर्जा कम नहीं करना चाहिए, क्‍योंकि यदि किसान कर्जा माफ किया तो किसान की आदत खराब हो जाएगी।

राहुल गांधी की यह वीडियो क्लिप सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर वायरल है। विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी जांच की। हमें पता चला कि छसीसगढ़ में दिए गए 2018 के राहुल गांधी के भाषण के ओरिजनल वीडियों में से 10 सेकंड की एक क्लिप को एडिट करके वायरल किया जा रहा है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर अभिजीत सिंह ने 21 जनवरी को एक वीडियो अपलोड किया। इसमें लिखा : ‘किसान का कर्जा माफ नहीं करना चाहिए क्योंकि अगर किसान का कर्ज माफ किया तो किसान की आदत बिगड़ जायेगी।’

फेसबुक पर इस वीडियो को दूसरे कई यूजर्स भी लगातार वायरल करते जा रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

वायरल वीडियो में राहुल गांधी को सफेद कुर्ता-पायजामा पहने हुए देखा जा सकता है। उन्‍होंने कोई ऊनी कपड़े नहीं पहने हुए हैं। मतलब साफ था कि वीडियो सर्दी के मौसम का नहीं है। वीडियो पुराना है। इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज अलग-अलग कीवर्ड से राहुल गांधी के उन वीडियो को खोजना शुरू किया, जिसमें उन्‍होंने किसान कर्ज माफी पर बोला था। सर्च के दौरान हमें 17 मई 2018 को The Soul of Politics नाम के एक यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो मिला। इस वीडियो में राहुल गांधी को किसानों की कर्ज माफी पर बोलते हुए देखा जा सकता है।

इस वीडियो का ओरिजनल वर्जन हमें कांग्रेस के यूट्यूब चैनल पर मिला। इसे 17 मई 2018 को इस पेज से लाइव स्‍ट्रीमिंग किया गया था। वीडियो बिलासपुर की किसान आदिवासी रैली से जुड़ा हुआ है।

वीडियो में 28:40 मिनट से लेकर 28:50 मिनट के बीच में पर राहुल गांधी को भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए यह बोलते हुए सुना जा सकता है कि उनके नेता कहते हैं कि किसान का कर्जा माफ नहीं किया जाना चाहिए, क्‍योंकि किसान का कर्जा माफ किया तो किसान की आदत खराब हो जाएगी। पूरे भाषण को सुनने के बाद हमें पता चला कि राहुल गांधी भाजपा नेताओं का जिक्र किसानों के नाम पर वायरल बयान में कर रहे थे, लेकिन कुछ लोगों ने उनकी अधूरी क्लिप गलत दावों के साथ वायरल कर दी।

जांच को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने कांग्रेस प्रवक्‍ता अखिलेश प्रताप सिंह से संपर्क किया। उन्‍होंने वीडियो को लेकर कहा कि राहुल गांधी से बौखलाए आईटी सेल वाले उनके ओरिजनल भाषण को काट-छांट कर वायरल करते रहते हैं। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने फेसबुक यूजर अभिजीत सिंह के अकाउंट की जांच की। इसी यूजर ने राहुल गांधी के अधूरे वीडियो को गलत संदर्भ के साथ वायरल किया। हमें पता चला कि यूजर बिहार के आरा का रहने वाला है। इसे 700 से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। अकाउंट को अक्‍टूबर 2009 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुआ। राहुल गांधी के अधूरे बयान को कुछ लोग झूठे दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट