झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठीचार्ज के नाम से वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2019 का है। उस वक्त राज्य में भाजपा के रघुवर दास की सरकार थी।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए 13 सेकंड का एक वीडियो वायरल किया जा रहा है। इसमें पुलिस को महिलाओं को लाठियों से पीटते हुए देखा जा सकता है। वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने जा रही महिलाओं पर पुलिस ने लाठियां भांजी।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। सितंबर 2019 की घटना के वीडियो को अभी का बताकर वायरल किया जा रहा है। उस वक्त झारखंड में रघुवर दास की सरकार थी। हेमंत सोरेन विपक्ष में थे।
फेसबुक यूजर तिलक राबेन नेताम गोंड ने 24 सितंबर को एक वीडियो को पोस्ट करते हुए दावा किया, “झारखंड रांची. अपनी मांगों को लेकर Hemant Soren मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही आंगनबाड़ी सेविका सहायिका संघ की। महिलाओं पर मंगलवार को पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी। महिलाएं जब राजभवन की ओर से मुख्यमंत्री आवास की ओर जा रही थी, ये कैसा महिलाओं का सम्मान, आदिवासी सरकार द्वारा। अब की बार — की सरकार।”
इस पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया है। इस पोस्ट के आर्काइव वर्जन को यहां क्लिक कर देखा जा सकता है। इसे सच समझकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावे के बारे में जानने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया। दावे के आधार पर कीवर्ड बनाए । फिर इन्हें गूगल ओपन सर्च टूल के माध्यम से खोजना शुरू किया । प्रभात खबर की वेबसाइट पर हमें एक खबर मिली। इसमें इस्तेमाल की गई तस्वीर वायरल वीडियो के फुटेज जैसी दिखी। 21 सितंबर 2019 को पब्लिश इस खबर में बताया गया कि अपनी मांगों को लेकर झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाएं आंदोलन कर रही थीं। जब वे मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रही थीं तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया। उस वक्त झारखंड में नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन थे। इस खबर को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है।
संबंधित घटना से जुड़ी खबर हमें जागरण डॉट कॉम पर भी मिली। 24 सितंबर 2019 को पब्लिश खबर में बताया गया कि झारखंड में सीएम आवास का घेराव करने पर आमदा आंगनबाड़ी वर्कर्स को पुलिस के साथ धक्का मुक्की के बाद बल प्रयोग करना पड़ा। सेविकाएं राजभवन से आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थीं। पूरी खबर यहां पढ़ें।
सर्च के दौरान क्विंट हिंदी के यूट्यूब चैनल पर असली वीडियो मिला। 25 सितंबर 2019 को अपलोड इस वीडियो में बताया गया कि झारखंड के रांची में प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने डंडे बरसाए। इन महिलाओं के विरोध प्रदर्शन का ये 40वां दिन था।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में अब तक यह साबित हो गया कि वायरल वीडियो सितंबर 2019 का है। हमें यह जानना था कि आखिर उस वक्त राज्य में किसकी सरकार थी। झारखंड विधानसभा की वेबसाइट के मुताबिक, 28 दिसंबर 2014 से लेकर 23 दिसंबर 2019 तक राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास थे। हेमंत सोरन 29 दिसंबर 2019 को मुख्यमंत्री बने थे।
विश्वास न्यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, रांची के स्थानीय संपादक शशि शेखर से संपर्क किया। उनके साथ वायरल वीडियो को शेयर किया। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो पुराना है। उस वक्त एक आंदोलन के दौरान यह घटना हुई थी। हाल-फिलहाल में ऐसा कुछ नहीं हुआ है।
पड़ताल के अंतिम चरण में हमने सितंबर 2019 के वीडियो को अभी का बताकर वायरल करने वाले यूजर की जांच की । फेसबुक यूजर तिलक राबेन नेताम गोंड को छह हजार लोग फॉलो करते हैं। यूजर झारखंड का रहने वाला है। यह अकाउंट नवंबर 2012 में बनाया गया है।
निष्कर्ष: झारखंड में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने वाली आंगनबाड़ी सेविकाओं पर लाठीचार्ज के नाम से वायरल हो रहा वीडियो वर्ष 2019 का है। उस वक्त राज्य में भाजपा के रघुवर दास की सरकार थी।
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