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Fact Check : कर्नाटक के पुराने वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके फिर से उज्जैन के नाम पर किया गया वायरल

उज्जैन शहर में मस्जिद के सामने निकाले गए जुलूस के दावे के साथ वायरल हो रहा यह वीडियो कर्नाटक का है। वहां रामनवमी के दिन निकाले गए जुलूस के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके अलग से आपत्तिजनक ऑडियो जोड़कर फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। मध्‍य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की हलचल के बीच 30 सेकंड का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक समुदाय विशेष के धार्मिक स्‍थल के सामने भगवा झंडे लहराते हुए भीड़ को देखा जा सकता है। वीडियो में जमकर नारेबाजी भी सुनाई दे रही है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को वायरल करते हुए दावा कर रहे हैं कि वीडियो मध्‍य प्रदेश के उज्‍जैन का है।

विश्‍वास न्‍यूज ने विस्‍तार से इसकी पड़ताल की। दावा फर्जी साबित हुआ। कर्नाटक के गुलबर्गा (अब कलबुर्गी) के पुराने वीडियो को एडिट करके सांप्रदायिक और झूठे दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। यह वीडियो एक बार पहले भी वायरल हो चुका है। उस वक्‍त भी विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी पड़ताल की थी।

क्‍या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर श्री आशीष कुमार प्‍यासी ने 5 नवंबर को एक वीडियो को अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए दावा किया, “हाल ही में उज्जैन शहर में मुक्करम जुलूस के दौरान मुसलमानों ने पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए। दूसरे दिन नगर के सभी हिन्दू भगवा ध्वज लेकर मस्जिद के सामने एकत्र हो गये। उन्होंने विरोध किया, जिन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए, उन्हें यहां नहीं रहना चाहिए; पाकिस्तान चले जाएं।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने उज्‍जैन के नाम पर वायरल हो रहे वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए क्रमवार तरीके से पड़ताल को शुरू किया। सबसे पहले इनविड टूल की मदद ली । इसकी मदद से वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले । फिर इन्‍हें गूगल लेंस टूल की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें यह वीडियो ‘एनसीबी क्रिएशन’ नामक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किया हुआ मिला। दी गई जानकारी के मुताबिक, यह वीडियो कर्नाटक के गुलबर्गा में 2018 को रामनवमी पर निकाली गई रैली का है।ऑरिजिनल वीडियो को यू-ट्यूब चैनल पर 26 मार्च 2018 को अपलोड किया गया है।

वायरल वीडियो और यू-ट्यूब पर मौजूद वीडियो में काफी समानताएं नजर आईं। नीचे कोलाज में देखा जा सकता है कि एक सफेद रंग की बिल्डिंग दोनों वीडियो में नजर आईं। इसके अलावा आसपास की इमारतों और दुकानों में भी समानताएं देखी जा सकती हैं।

इसी तरह नीचे दिए गए कोलाज में साफ देखा जा सकता है कि दोनों वीडियो में नजर आ रहा धार्मिक स्‍थल एक ही है।

अब तक की पड़ताल से यह साबित हो गया कि वायरल वीडियो उज्‍जैन का नहीं है। कर्नाटक के पुराने वीडियो को वायरल किया जा रहा है। लेकिन कर्नाटक के असली वीडियो में हमें वह आपत्तिजनक नारे नहीं सुनाई दिए, जो उज्‍जैन के नाम पर वायरल वीडियो में सुनने में आए।

हमें यह जानना था कि पाकिस्‍तान के खिलाफ नारेबाजी का जोड़ा गया ऑडियो कहां से आया। संबंधित कीवर्ड के आधार पर यूट्यूब पर सर्च करने पर एक वीडियो मिला। इसमें वही नारे सुनाई दिए, जो वायरल वीडियो में मौजूद है। वीडियो के अनुसार, महाराष्‍ट्र के ठाणे में एक जुलूस के दौरान आपत्तिजनक नारे लगाए गए थे। यह वीडियो यहां क्लिक करके देखा जा सकता है। विश्‍वास न्‍यूज स्‍वतंत्र रूप से ऑडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन इतना तय है कि यह 2018 से इंटरनेट पर मौजूद है।

जांच को आगे बढ़ाते हुए उज्‍जैन से प्रकाशित अखबार नईदुनिया के जिला प्रभारी सूर्य नारायण मिश्रा से संपर्क किया। उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने बताया कि यह पोस्‍ट फर्जी है।

पड़ताल के अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर श्री आशीष कुमार प्‍यासी मध्‍य प्रदेश के कटनी में रहता है। यह अकाउंट अक्‍टूबर 2018 को बनाया गया था। इस अकाउंट से पांच हजार लोग फ्रेंड के तौर पर जुड़े हुए हैं।

निष्कर्ष: उज्जैन शहर में मस्जिद के सामने निकाले गए जुलूस के दावे के साथ वायरल हो रहा यह वीडियो कर्नाटक का है। वहां रामनवमी के दिन निकाले गए जुलूस के वीडियो के साथ छेड़छाड़ करके अलग से आपत्तिजनक ऑडियो जोड़कर फर्जी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

  • Claim Review : उज्‍जैन में मस्जिद के सामने निकाले गए जुलूस का वीडियो
  • Claimed By : फेसबुक यूजर श्री आशीष कुमार प्‍यासी
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