Fact Check : ‘कफन मुफ्त’ देने की बात करते हेमंत सोरेन का वीडियो चार साल पुराना, कोरोना काल में की थी ये घोषणा

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि हेमंत सोरेन के मुफ्त कफन देने के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2021 का है। जब कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने ये घोषणा करते हुए लोगों से मुफ्त कफन देने का वादा किया था। इसी वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि प्रदेश में लोगों को ‘कफन’ लेने की जरूरत नहीं है। उनकी सरकार ‘मुफ्त में कफन’ उपलब्ध करायेगी। इस वीडियो को झारखंड चुनाव और मुफ्त सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने चुनाव से पहले यह घोषणा की है।

विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2021 का है। जब कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने ये घोषणा करते हुए लोगों से ‘मुफ्त कफन’ देने का वादा किया था। इसी वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

क्या हो रहा है वायरल ?

फेसबुक यूजर ने 9 नवंबर 2024 को वायरल वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है, “मुख्यमंत्री जी झारखंड के लोगों को मुफ़्त में कफन देंगे, वाह रे मुख्यमंत्री जी …नये नये फ्रीबीस घोषणा की दौड़ मे आगे रहने के चक्कर मे, इस घोषणा का भावार्थ जानने की भी कोशिश नहीं की।”

पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां पर देखें।

पड़ताल 

वायरल दावे की सच्चाई जानने के लिए हमने गूगल पर संबंधित कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया। हमें वायरल वीडियो जी न्यूज के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। वीडियो को 25 मई 2021 को अपलोड किया गया था। मौजूद जानकारी के मुताबिक, कोरोना काल में बाजार बंद होने की वजह से लोगों को अंतिम संस्कार का सामान खरीदने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। इस दौरान हेमंत सोरेन की सरकार ने मुफ्त में कफन उपलब्ध कराने का वादा किया था। 

पड़ताल के दौरान हमें दावे से जुड़ी एक रिपोर्ट जनसत्ता की वेबसाइट पर मिली। रिपोर्ट को 25 मई 2021 को प्रकाशित किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार, हेमंत सोरेन के मुफ्त में कफन देने की घोषणा करने के बाद विपक्षी दलों ने प्रतिक्रिया देते हुए उनके इस बयान की निंदा की थी। दलों ने उन्हें मुफ्त में वैक्सीन देने की सलाह दी थी। 

हमें दावे से जुड़ी एक पोस्ट झारखंड मुक्ति मोर्चा के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर भी मिली थी। पोस्ट को 25 मई 2021 को अपलोड किया गया था। पोस्ट में मुफ्त कफन देने की घोषणा से जुड़ा एक वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा था, “हेमंत सरकार जनता के स्वास्थ्य सुविधा के मद्देनजर लगातार बेहतर नीतियां बना कार्य कर रही है।पर भाजपा को यह पसंद नहीं।इसलिए वे भ्रामक, झूठी और आधी अधूरी वीडियो दिखा जनता को दिग्भ्रमित करने की चेष्टा करने से बाज नहीं आ रही। ख़ैर हम सबने सुना है ‘खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे।”

अधिक जानकारी के लिए हमने दैनिक जागरण रांची के रिपोर्टर मनोज कुमार सिंह से संपर्क किया। उन्होंने हमें बताया कि वायरल दावा भ्रामक है। यह वीडियो करीब चार साल पुराना है और कोरोना के समय का है। जब हेमंत सोरेन सरकार ने परेशान लोगों को मुफ्त कफन देने की घोषणा की थी।

चुनाव आयोग की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के मुताबिक, झारखंड में दो चरणों में वोटिंग होगी। कल यानी 13 नवंबर को पहले चरण के वोट डाले जाएंगे। जबकि दूसरे चरण के वोट 20 नवंबर 2024 को डाले जाएगें और 23 नवंबर को मतगणना होगी।

अंत में हमने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर के अकाउंट को स्कैन किया। हमने पाया कि यूजर को करीब पांच हजार लोग फॉलो करते हैं।   

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज ने अपनी पड़ताल में पाया कि हेमंत सोरेन के मुफ्त कफन देने के वीडियो को लेकर किया जा रहा दावा भ्रामक है। वायरल वीडियो हाल-फिलहाल का नहीं, बल्कि साल 2021 का है। जब कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने ये घोषणा करते हुए लोगों से मुफ्त कफन देने का वादा किया था। इसी वीडियो को अब गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

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