Fact Check : आसाराम के सामने भजन गाते फारूक अब्‍दुला का पुराना वीडियो वायरल

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस वीडियो को चुनाव के नतीजों के बाद शेयर कर रहे हैं। पहले भी कई बार यह वीडियो वायरल हो चुका है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस को स्पष्ट जनादेश मिला है। इसी बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्‍दुल्‍ला को आसाराम के सामने भजन गाते हुए दिखाया गया है।

सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस वीडियो को चुनाव के नतीजों के बाद शेयर कर रहे हैं। पहले भी कई बार यह वीडियो वायरल हो चुका है। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में साबित हुआ कि वायरल वीडियो काफी पुराना है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्‍टाग्राम हैंडल पल्‍लवी ने 9 अक्‍टूबर को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “श्री फारुख अब्‍दुल्‍ला ने संत श्री आसारामजी बापू से लगाई गुहार। जम्‍मू कश्‍मीर में अमन, शांति एवं कश्‍मीरी पंडितों की घर वापसी हो।”

इस वीडियो का हालिया समझकर कई सोशल मीडिया यूजर्स शेयर कर रहे हैं। वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। पोस्ट के आर्काइव्‍ड वर्जन को यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज एक बार पहले भी वायरल वीडियो की जांच कर चुका है। जांच के लिए सबसे पहले हमने वायरल वीडियो के कई कीफ्रेम्‍स निकाले। फिर इन्‍हें गूगल लेंस के जरिए सर्च किया। हमें वायरल वीडियो का लंबा वर्जन एक यूट्यूब चैनल पर अपलोड मिला। इसे 21 सितंबर 2009 को अपलोड करते हुए 28 अप्रैल 2001 का बताया गया।

पड़ताल के दौरान दैनिक जागरण, जम्‍मू के वरिष्‍ठ संवाददाता राहुल शर्मा से बात की गई। उन्‍होंने भी जानकारी देते हुए बताया कि फारूक अब्‍दुल्‍ला का वायरल वीडियो काफी पुराना है।

2021 में धारा 370 से जोड़ते हुए भी वायरल वीडियो को काफी शेयर किया गया था। उस वक्‍त भी विश्‍वास न्‍यूज ने इसकी पड़ताल की थी। उस फैक्‍ट चेक रिपोर्ट को नीचे पढ़ा जा सकता है।

पड़ताल के अंत में इंस्‍टाग्राम हैंडल पल्‍लवी की सोशल स्‍कैनिंग की गई। पता चला कि यूजर को 12 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्‍दुल्‍ला का वीडियो काफी पुराना साबित हुआ। इसे चुनाव के बाद वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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