Fact Check : गोरखपुर विश्वविद्यालय में ABVP कार्यकर्ताओं के बवाल का पुराना वीडियो हालिया बताकर वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के अलग-अलग प्‍लेटफॉर्म पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोगों को आपस में लड़ते हुए देखा जा सकता है। इसके अलावा कुछ युवकों और पुलिस में भी मारपीट देखी जा सकती है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स दावा कर रहे हैं कि वीडियो हालिया है। दावा यह भी किया गया कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने पुलिस के साथ मारपीट की।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह भ्रामक साबित हुई। वायरल वीडियो गोरखपुर विश्वविद्यालय का है। पिछले साल जुलाई में एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने उत्‍पात मचाया था। उसी वक्‍त की घटना के वीडियो को अभी का बताकर भाजपा से जोड़कर वायरल किया जा रहा है।

क्‍या हो रहा है वायरल

इंस्‍टाग्राम हैंडल Md Sarfaraz Ahmad ने 16 जुलाई को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “BJP के गुंडे वर्दीधारी पुलिस पर हाँथ उठा रहा है। अगर इसके स्थान पर कोई मुस्लिम होता तो क्या होता ? इस पर सरकार NSA और राजद्रोह का केस क्यों नहीं कर रही? पालतू गोदी मीडिया इसपर डिबेट्स क्यों नहीं कर रही है? दोस्तों RT करके पुरे देश को दिखाओ।”

वायरल वीडियो के साथ लिखे गए कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो के कुछ स्‍क्रीनशॉट निकालकर गूगल लेंस से सर्च किया। हमें आउटलुक इंडिया डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 22 जुलाई 2023 को पब्लिश इस खबर में वायरल वीडियो का इस्‍तेमाल किया गया। खबर में बताया गया, “अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार की पिटाई की। इसके अलावा पुलिसवालों से भी उनकी झड़प हुई।” पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

कीवर्ड के माध्‍यम से गूगल ओपन सर्च में खोजने पर कई न्‍यूज वेबसाइट पर वीडियो से जुड़ी खबरें मिलीं। जागरण डॉट कॉम पर 22 जुलाई 2023 को पब्लिश एक खबर में बताया गया, “अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के आंदोलित कार्यकर्ताओं ने गोरखपुर विश्वविद्यालय (गोविवि) की प्रतिष्ठा, अनुशासन और गुरु-शिष्य परंपरा को अपने लातों से रौंद डाला। कुलपति से वार्ता करने कार्यालय पहुंचे कार्यकर्ता, उनके मना करते ही अराजक हो गए। उग्र कार्यकर्ताओं ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह, कुलसचिव प्रो. अजय सिंह पर हमला बोल दिया। सुरक्षाकर्मियों ने बीच-बचाव का प्रयास किया तो कार्यकर्ताओं ने उनकी भी पिटाई की। पुलिस ने छात्रों को खदेड़कर कुलपति को सुरक्षित निकाला। हमले में कुलसचिव गंभीर रूप से घायल हो गए। नियंत्रण खो चुके छात्रों ने कुलपति के वाहन और कार्यालय में गमले, कुर्सियां और लाठी-डंडे चलाकर तोड़फोड़ भी की।”

पूरी खबर यहां पढ़ी जा सकती है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, गोरखपुर के रिपोर्टर राकेश राय से संपर्क किया। उन्‍होंने कन्‍फर्म करते हुए बताया कि वायरल वीडियो वाली घटना पिछले साल की है। जुलाई 2023 में गोरखपुर विश्वविद्यालय में यह घटना हुई थी।

पड़ताल के अंत में एक साल पुरानी घटना को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। इंस्‍टाग्राम हैंडल मोहम्मद सरफराज अहमद (Md Sarfaraz Ahmad) को 1129 लोग फॉलो करते हैं। इससे ज्‍यादा जानकारी इस हैंडल के बारे में नहीं मिली।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि जुलाई 2023 को गोरखपुर विश्वविद्यालय में एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने काफी उत्‍पात मचाया था। उसी वक्‍त के पुराने वीडियो को अब भाजपा कार्यकर्ताओं से जोड़ते हुए अभी का बताकर वायरल किया गया।

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