Fact Check : महाराष्‍ट्र के सीएम बनने के बाद उद्धव ठाकरे की पुरानी तस्‍वीरों को गलत दावे के साथ किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर शिवसेना नेता और महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्‍य ठाकरे की दो तस्‍वीरों को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि इन नेताओं ने मुख्‍यमंत्री बनने के लिए ख्‍वाजा साहब से मन्‍नत मांगी थी। जब यह मन्‍नत पूरी हो गई तो अजमेर की दरगाह पर जाकर इन्‍होंने चादर चढ़ाई। विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में ये दावा फर्जी निकला। पुरानी तस्‍वीरों को जानबूझकर गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर Akbar Selot ने दो तस्‍वीरों को अपलोड करते हुए दावा किया कि
ख़्वाजा के दरबार में पोहचे आदित्य ठाकरे । शिवसेना का मुख्य मंत्री बनने की मांगी थी मन्नत जो हुई पूरी। मेरा ख़्वाजा चाहें उसे नवाज़े ।हिंदुत्व के मुद्दों पे अडग रहने वाली पार्टी को भी अजमेर दरबार मे बुला के जुका के सल्तनत का अमीर बनाया

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने दोनों तस्‍वीरों की अलग-अलग पड़ताल करने का फैसला लिया। तस्‍वीर में दिख रहे लोग और उनके कपड़ों से एक बात साफ थी कि दोनों तस्‍वीर एक ही दिन की नहीं है। दोनों तस्‍वीरों में आदित्‍य ठाकरे के चश्‍मे का फ्रेम अलग-अलग है। इसी तरह उद्धव ठाकरे की शर्ट के कलर में भी अंतर दिखा। इतना ही नहीं, तस्‍वीर में खड़े शख्‍स के कपड़ों में भी हमें अंतर दिखा।

पहली तस्‍वीर

पहली तस्‍वीर को यदि ध्‍यान से देखा जाए तो उद्धव ठाकरे और आदित्‍य ठाकरे को चादर पकड़े हुए देखा जा सकता है। बैकग्राउंड में बाल ठाकरे की बड़ी-सी तस्‍वीर को देखा जा सकता है। इसके अलावा दरवाजे पर शिवसेना लिखा हुआ दिखा। मतलब यह फोटो अजमेर की नहीं, बल्कि शिवसेना के ऑफिस या ठाकरे परिवार के घर की थी। सच जानने के लिए हमने इस इमेज को गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च किया। काफी देर की पड़ताल के बाद हमें शोएब खान नाम के एक Twitter हैंडल पर यह तस्‍वीर मिली।

पड़ताल के दौरान हमें शिवसेना के नेता राहुल एन. कनाल के Twitter हैंडल पर भी यह तस्‍वीर मिली। इसे 16 मार्च 2018 को अपलोड किया गया था। साथ में दूसरे एंगल की भी दो तस्‍वीरें थीं। इसमें बताया गया कि अजमेर शरीफ के उर्स के लिए शिवसेना ने चादर भेंट की।

सर्च के दौरान हमें hellomumbainews.com पर एक खबर मिली। इसमें इसी तस्‍वीर का यूज किया गया था। 16 मार्च 2018 को अपलोड खबर में बताया गया कि अजमेर शरीफ दरगाह के लिए शिवसेना चीफ ने चादर ऑफर की।

दूसरी तस्‍वीर

जब हमने दूसरी तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तो हमें टाइम्‍स ऑफ इंडिया की एक खबर का लिंक मिला। 28 मार्च 2017 को अपलोड इस खबर में बताया गया कि ठाकरे परिवार ने अजमेर उर्स के लिए चादर भेंट की। खबर में यह भी बताया गया कि मुंबई में ठाकरे परिवार ने 28 मार्च को ये चादर भेंट की थी।

इस पड़ताल के दौरान हमने शिवसेना की प्रवक्‍ता प्रियंका चतुर्वेदी को कॉल किया। उन्‍होंने बताया कि महाराष्‍ट्र में शिवसेना और गठबंधन की सरकार बनने से कुछ लोगों के होश उड़ गए हैं। जिन तस्‍वीरों को वायरल किया जा रहा है, वे पुरानी हैं। कुछ लोग जानबूझकर इसे गलत दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

इसके बाद हमने फेसबुक यूजर Akbar Selot की सोशल स्‍कैनिंग की तो पता चला कि ये पेशे से वकील हैं। गुजरात के पोरबंदर के रहने वाले अकबर ज्‍यादातर पोस्‍ट गुजराती में ही करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि मुख्‍यमंत्री बनने के बाद उद्धव ठाकरे और आदित्‍य ठाकरे अजेमर दरगाह नहीं गए थे। 2017 और 2018 में उन्‍होंने ख्‍वाजा साहब के उर्स के लिए चादरें भेजी थीं। उसी वक्‍त की फोटो को अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।

False
Symbols that define nature of fake news
पूरा सच जानें...

सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

Related Posts
नवीनतम पोस्ट