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Fact Check : जाट आंदोलन की पुरानी तस्‍वीर अब किसान आंदोलन की बताकर की जा रही है वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की तहीकात में पता चला कि जाट आंदोलन की पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग किसान आंदोलन के नाम पर वायरल कर रहे हैं। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट झूठी साबित हुई।

  • By: Ashish Maharishi
  • Published: Dec 3, 2020 at 01:32 PM
  • Updated: Feb 16, 2021 at 03:22 PM

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। देश की राजधानी दिल्‍ली से सटी सीमा पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर कई प्रकार की फर्जी खबरें सोशल मीडिया में वायरल हैं। इसमें कुछ तस्‍वीरें हैं तो कुछ वीडियो। अब एक ट्रैक्टर चलाती महिला की तस्‍वीर को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि तस्‍वीर किसान आंदोलन से जुड़ी हुई है। ट्रैक्‍टर का यह काफिला हरियाणा से टिकारी बॉर्डर की ओर जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर की जांच की। हमें पता चला कि जाट आंदोलन की एक पुरानी तस्‍वीर को अब किसान आंदोलन के नाम से वायरल किया जा रहा है। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई।

विश्‍वास न्‍यूज किसान आंदोलन से जुड़ी फर्जी खबरों का लगातार फैक्‍ट चेक कर रहा है। इसे आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर ट्रैक्टर चलाती महिला की एक तस्‍वीर को किसान आंदोलन के नाम पर खूब वायरल किया जा रहा है। फेसबुक यूजर शैलेंद्र यादव ने 28 नवंबर को इस तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ‘क्या खूबसूरत तस्वीर है एक महिला जब अपने अंदर से नेतृत्व को खड़ी हो जाती है वहीं रानी लक्ष्मीबाई बन जाती किसान आंदोलन की तस्वीर आपकी हिम्मत को सलाम जय हिन्द’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल तस्‍वीर को गूगल रिवर्स इमेज टूल में अपलोड किया। इसके बाद इसे सर्च किया। सर्च के दौरान यह तस्‍वीर हमें हिंदुस्‍तान टाइम्‍स की वेबसाइट पर मिली। हालांकि, इसकी सच्‍चाई कुछ और ही थी। 6 फरवरी 2017 की एक खबर में इस्‍तेमाल की गई फोटो के कैप्‍शन में लिखा था- रोहतक के जसिया गांव की ओर जाती जाट आंदोलनकारी महिलाएं। यह आंदोलन आरक्षण को लेकर था। पूरी खबर आप यहां पढ़ सकते हैं।

पड़ताल के अगले चरण में विश्‍वास न्‍यूज ने रोहतक दैनिक जागरण के चीफ रिपोर्टर ओपी वशिष्‍ठ से संपर्क किया। उन्‍होंने तस्‍वीर को देखकर हमें कन्‍फर्म किया कि यह फोटो जाट आंदोलन के वक्‍त की है।

अब बारी थी उस यूजर के अकाउंट की जांच करने की, जिसने जाट आंदोलन की तस्‍वीर को किसान आंदोलन की बताकर वायरल की। जांच में हमें पता चला कि फेसबुक यूजर शैलेंद्र यादव यूपी के प्रयागराज में रहते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की तहीकात में पता चला कि जाट आंदोलन की पुरानी तस्‍वीर को कुछ लोग किसान आंदोलन के नाम पर वायरल कर रहे हैं। हमारी पड़ताल में वायरल पोस्‍ट झूठी साबित हुई।

  • Claim Review : किसान आंदोलन की तस्‍वीर
  • Claimed By : फेसबुक यूजर शैलेंद्र यादव
  • Fact Check : झूठ
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