Fact Check : स्मृति ईरानी चिन्‍मयानंद का नहीं, हुकुमदेव का अभिवादन कर रही थीं

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। हैदराबाद और उन्‍नाव में हुए गैंगरेप की घटना के बाद से ही देश में एक ओर जहां लोगों में गुस्‍सा है, वहीं सोशल मीडिया में फर्जी खबरों की भरमार है। फेसबुक, ट्विटर से लेकर वॉट्सऐप तक पर एक तस्‍वीर को वायरल करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि फोटो में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी रेप के आरोपी पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद से आशीर्वाद ले रही हैं। विश्‍वास टीम की पड़ताल में यह दावा फर्जी साबित हुआ। तस्‍वीर में जिस शख्‍स को चिन्‍मयानंद बताया जा रहा है, वह दरअसल भाजपा के वरिष्‍ठ नेता हुकुमदेव नारायण यादव हैं।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक पेज Bluffmaster Modi ने 17 दिसंबर को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा कि तभी सोचु यह महिला चुप क्यों है..!

इस तस्‍वीर के ऊपर लिखा हुआ है : बलात्‍कारी बाबा चिन्‍मयानन्‍द से आशीर्वाद लेती महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी छी…!

इस पोस्‍ट को हजारों की तादाद में लोग फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप पर वायरल कर रहे हैं। इसी तरह भूपेंद्र सिंह राजपूत (@BhoopendraINC) के ट्विटर हैंडल से भी स्मृति ईरानी और हुकुमदेव नारायण की तस्‍वीर को शेयर करते हुए आपत्तिजनक ट्वीट किया गया।

पड़ताल

सोशल मीडिया में स्मृति ईरानी और हुकुमदेव नारायण यादव की वायरल तस्‍वीर को हमने ध्‍यान से देखा। इसमें स्मृति हुकुमदेव को हाथ जोड़कर अभिवादन कर रही हैं। कुछ लोगों ने इस तस्‍वीर में दिख रहे हुकुमदेव को चिन्‍मयानंद बताकर वायरल कर दिया।

इसके बाद हमने हुकुमदेव की पहचान के लिए InVID टूल का इस्‍तेमाल किया। यहां पुराने ट्वीट में हमें सरकार के ट्विटर हैंडल MyGovIndia पर 11 मार्च 2019 का एक ट्वीट मिला। इसमें बताया गया था कि हुकुमदेव नारायण यादव को पद्म भूषण अवॉर्ड मिला है। बिहार से आने वाले हुकुमदेव छह बार सांसद रह चुके हैं।

पड़ताल के दौरान हमें स्मृति ईरानी का एक ट्वीट मिला। 17 दिसंबर को एक ट्वीट का जवाब देते हुए स्मृति ईरानी ने लिखा कि जिस सज्जन को आप इस चित्र में बदनाम कर रही हैं उनका नाम हुकुमदेव नारायण यादव है । पद्म भूषण से सम्मानित हुकुमदेव जी 1960 से लगातार देशसेवा में समर्पित हैं। दलित समाज एवं ग़रीब कल्याण के प्रति हुकुम देव जी ने अभूतपूर्व काम किया है। मेरा प्रणाम इन्होंने स्वीकार किया ये सौभाग्य है।

इस ट्वीट के साथ हमें एक ट्वीट का लिंक मिला, जिसे अब डिलीट कर दिया गया है। यह ट्विटर हैंडल महिला कांग्रेस की राष्‍ट्रीय सचिव इंद्राणी मिश्रा का था। इसके बाद हमने गूगल पर इंद्राणी के उस ट्वीट को सर्च करना शुरू किया, जो अब हटा दिया गया है। हमें archive.is पर ट्वीट का आर्काइव वर्जन मिल गया।

स्मृति ईरानी के ट्वीट के साथ मौजूद यूआरएल और आर्काइव में मौजूद ट्वीट का यूआरएल एक ही था। दोनों के अंत में 1206586812061274112 नंबर था। मतलब साफ था कि इंद्राणी मिश्रा ने स्मृति ईरानी के जवाब के बाद अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया था। आर्काइव ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं।

पड़ताल के दौरान हमने चिन्‍मयानंद और हुकुमदेव की तस्‍वीरों को एनालिसिस किया। नीचे दी गई दोनों तस्‍वीर को देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वायरल तस्‍वीर में चिन्‍मयानंद नहीं, हुकुमदेव हैं।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने हुकुमदेव नारायण यादव से बात की। उन्‍होंने बताया कि मेरी और स्मृति ईरानी की एक तस्‍वीर को कुछ लोग अपमानजनक तरीक से फैला रहे हैं। यह वही लोग हैं, जो नकारात्‍मक राजनीति में भरोसा करते हैं।

अंत में विश्‍वास न्‍यूज ने फेसबुक पेज Bluffmaster Modi की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि इस पेज को 16 मार्च 2013 में बनाया गया था। पेज से 4.90 लाख से ज्‍यादा लोग जुड़े हुए हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि जिस तस्‍वीर को रेप के आरोपी चिन्‍मयानंद की बताकर वायरल किया जा रहा है, वह भाजपा के पूर्व सांसद और वरिष्‍ठ नेता हुकुमदेव नारायण यादव की है। कुछ लोग झूठे दावे के साथ हुकुमदेव की तस्‍वीर को वायरल कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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