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Fact Check : वायरल वीडियो का नहीं हैं संदेशखाली से कोई संबंध, लॉकडाउन के दौरान का वीडियो गलत दावे के साथ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं का नहीं है।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। पश्चिम बंगाल का संदेशखाली पिछले कई दिनों से मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। अब एक वीडियो को वायरल करते हुए दावा किया जा रहा है कि संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं पर पश्चिम बंगाल की पुलिस लाठीचार्ज कर रही है। वीडियो को दूसरे यूजर्स भी इसी दावे के साथ शेयर कर दावा कर रहे हैं कि शाहजहां जैसा रेपिस्ट पुलिस सुरक्षा में सीना तानकर चलता है और पीड़ित महिलाओं पर लाठियां बरस रही हैं।

विश्‍वास न्‍यूज ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं का नहीं है। वायरल वीडियो पश्चिम बंगाल के 24 नॉर्थ परगना का है। 2020 में वहां के स्‍थानीय नागरिकों और पुलिस के बीच राशन के वितरण को लेकर झड़प हुई थी। उसी घटना के वीडियो को कुछ लोग अब वायरल करके पश्चिम बंगाल की ममता सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई।

क्या है वायरल पोस्ट

एक्‍स हैंडल सुधीर मिश्रा ने एक मार्च को एक वीडियो को अपलोड करते हुए दावा किया, “देखो पश्चिम बंगाल के “हैवानों” को। बहन बेटियों को पुलिस और शेख के गुंडे कैसे पीट रहे हैं, ताकि वह डरकर आवाज ना उठायें…। शाहजहां जैसा रेपिस्ट पुलिस सुरक्षा में सीना तानकर चलता है, और पीड़ित महिलाओं पर लाठियां बरस रही हैं।”

https://twitter.com/Sudhir_mish/status/1763502368476496148

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों ही लिखा गया है। इसे दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल वीडियो की जांच के लिए वीडियो का कीफ्रेम निकालकर उसे गूगल लेंस की मदद से सर्च किया। कीफ्रेम्‍स निकालने के लिए इनविड टूल की मदद ली गई। हमें एएनआई के एक्‍स हैंडल पर असली वीडियो मिला। इसे 22 अप्रैल 2020 को अपलोड किया गया था।

एएनआई के एक्‍स हैंडल पर मौजूद इस वीडियो के कैप्‍शन में बताया गया कि नॉर्थ 24 परगना के बदुरिया में लॉकडाउन के दौरान राशन के अनुचित वितरण पर स्थानीय लोगों का पुलिसकर्मियों के साथ झड़प हो गई थी।

संबंधित घटना से जुड़ी एक वीडियो रिपोर्ट हमें एबीपी आनंदा के यूट्यूब चैनल पर भी मिली। इसे भी 22 अप्रैल 2020 को पोस्‍ट किया गया था।

सर्च के दौरान कई न्‍यूज वेबसाइट पर भी घटना से जुड़ा कवरेज मिला। एबीपी लाइव डॉट कॉम ने भी 22 अप्रैल 2020 को पब्लिश खबर में घटना के बारे में विस्‍तार से बताया। साथ में एएनआई के वीडियो का भी इस्‍तेमाल इस खबर में किया गया था। पूरी खबर को यहां पढ़ा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने जांच को आगे बढ़ाते पश्चिम बंगाल स्थित न्‍यूज सेंस के मैनेजिंग एडिटर जॉयदीप दास गुप्ता से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल वीडियो का संदेशखाली से कोई संबंध नहीं है। यह पुराना वीडियो है।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए संदेशखाली के बारे में सर्च करना शुरू किया। हमें जागरण डॉट कॉम पर पब्लिश एक खबर मिली। इसमें बताया गया कि पश्चिम बंगाल पुलिस ने संदेशखाली हिंसा के मुख्य आरोपी और टीएमसी नेता शाहजहां शेख को गिरफ्तार कर लिया है। उसे उत्तर 24 परगना के मिनाखान इलाके से पकड़ा गया है। उस पर कई महिलाओं के उत्पीड़न और जमीन कब्जाने का आरोप है।

पुराने वीडियो को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले एक्‍स हैंडल की प्रोफाइल को हमने स्कैन किया। यूजर के 63 हजार फॉलोअर्स हैं। सुधीर मिश्रा नाम का यह हैंडल लखनऊ से संचालित होता है।

निष्कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट गलत साबित हुई। लॉकडाउन के दौरान हुई झड़प के वीडियो को कुछ लोग संदेशखाली से जोड़ते हुए वायरल कर रहे हैं।

  • Claim Review : संदेशखाली की महिलाओं पर लाठीचार्ज
  • Claimed By : एक्‍स हैंडल सुधीर मिश्रा
  • Fact Check : भ्रामक
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