Fact Check : राम मंदिर के नाम पर सीएम योगी को लेकर फर्जी पोस्‍ट वायरल 

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। अयोध्‍या के राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए हर दिन लाखों की तादाद में दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ रही है। अब एक पोस्‍ट में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि राम मंदिर के 14 किलोमीटर के दायरे में एससी/एसटी/ओबीसी समाज के लोग पैर में चप्‍पल पहन कर नहीं चलेंगे, बल्कि नंगे पैर रहेंगे। इस पोस्‍ट को ऐसे शेयर किया जा रहा है कि जैसे यह आदेश योगी आदित्‍यनाथ की ओर से दिया गया है।

विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया, जिसे योगी आदित्‍यनाथ और राम मंदिर के नाम से दुष्प्रचार की मंशा से शेयर किया जा रहा है। वायरल पोस्‍ट पूरी तरह बेबुनियाद है। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर रंजीत कुमार यादव ने 30 जनवरी को एक पोस्‍ट शेयर किया। उसके ऊपर यूपी के मुख्‍यमंत्री की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए लिखा गया कि उत्तर प्रदेश अयोध्‍या राम मंदिर के 14 किलोमीटीर के दायरे में SC/ST/OBC समाज के लोग पैर में चप्‍पल पहन कर नहीं चलेंगे, बल्कि नंगे पैर रहेंगे।

पोस्‍ट को समान और मिलते-जुलते दावों के साथ दूसरे यूजर्स भी शेयर कर रहे हैं। पोस्‍ट के दावे को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसका आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की सच्‍चाई का पता लगाने के लिए सबसे पहले गूगल ओपन सर्च टूल का इस्‍तेमाल किया। संबंधित की-वर्ड से सर्च करने पर हमें एक भी ऐसी खबर नहीं मिली, जो वायरल पोस्‍ट की पुष्टि करती हो।

पड़ताल के दौरान मुख्‍यमंत्री के सोशल मीडिया हैंडल को भी स्‍कैन किया। न तो उनके फेसबुक पेज पर और ना ही उनके एक्‍स हैंडल पर वायरल पोस्‍ट से जुड़ी कोई पोस्‍ट मिली।

जांच को आगे बढ़ाते हुए हमने मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के मीडिया ए‍डवाइजर मृत्युंजय कुमार से संपर्क किया और उनके साथ वायरल पोस्‍ट को शेयर किया। उन्‍होंने विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में इसे फर्जी बताया।

इससे पहले भी एक बार जाति विशेष के लोगों को लेकर एक पोस्‍ट वायरल हुई थी। उसकी भी विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की थी। उस पोस्‍ट में दावा किया गया था कि अयोध्या के राम मंदिर में जाति विशेष के लोगों का प्रवेश निषेध रहेगा। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा पूरी तरह बेबुनियाद है। अयोध्या के राम मंदिर में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है।

अंत में फर्जी पोस्‍ट करने वाले यूजर की जांच की गई। रंजीत कुमार यादव नाम के इस फेसबुक यूजर को पांच हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यह अकाउंट जुलाई 2023 को बनाया गया था। यूजर यूपी के कानपुर में रहता है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की जांच में एससी, एसटी और ओबीसी समाज के नाम पर वायरल मैसेज फर्जी साबित हुआ। इसे जानबूझकर कुछ लोग वायरल करके यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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