Fact Check : प. बंगाल चुनाव के नाम पर वायरल हुई मोदी-शाह की मॉर्फ्ड तस्‍वीर

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। मोदी और शाह की ओरिजनल तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके उस पर अलग से टोपी जोड़ी गई।

Fact Check : प. बंगाल चुनाव के नाम पर वायरल हुई मोदी-शाह की   मॉर्फ्ड तस्‍वीर

विश्‍वास न्‍यूज (नई दिल्‍ली)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव का असर अब पूरी तरह सोशल मीडिया में भी देखने को मिल रहा है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की एक पुरानी तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके उसे बंगाल चुनाव के नाम पर वायरल किया जा रहा है। इस तस्‍वीर में भाजपा के दोनों नेताओं को कथितरूप से मुस्लिम समुदाय से जुड़ी टोपी पहने हुए दिखाया गया है। यह तस्‍वीर फेसबुक, ट्विटर और दूसरे सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर भी वायरल है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह पोस्‍ट फर्जी निकली। मोदी और शाह की पुरानी तस्‍वीर को मॉर्फ्ड करके उनकी तस्‍वीर में अलग से टोपी जोड़ी गई है। ओरिजनल तस्‍वीर अगस्‍त 2019 की है, जब दोनों नेता पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद उनके घर गए थे।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर राम शर्मा ने 22 मार्च को एक तस्‍वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ‘भक्तो देखो इन ढोंगियों को, अब क्या बोलोगे अंध भक्तों।’

वायरल तस्‍वीर में पीएम मोदी और होम मिनिस्‍टर अमित शाह को कथित रूप से टोपी पहने देखा जा सकता है। इस तस्‍वीर को सच मानकर दूसरे यूजर्स भी वायरल कर रहे हैं। फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देखें।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्‍वीर को रिवर्स इमेज टूल में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। हमें ओरिजनल तस्‍वीर के बारे में सच्‍चाई कई वेबसाइट से पता चली। न्‍यूज 18 की वेबसाइट पर 28 अगस्‍त 2019 को ओरिजनल तस्‍वीर का इस्‍तेमाल किया गया था। इस तस्‍वीर के कैप्‍शन में बताया गया कि पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद उनके घर पर श्रद्धांजलि देने के बाद निकलते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और होम मिनिस्‍टर अमित शाह। तस्‍वीर पीटीआई की ओर से जारी की गई।

ऐसी ही तस्‍वीर हमें गेट्टी की वेबसाइट पर भी मिली। इसमें बताया गया कि पूर्व वित्‍त मंत्री अरुण जेटली के निधन के बाद परिवार को सांत्‍वना देने प्रधानमंत्री और होम मिनिस्‍टर उनके घर गए थे। तस्‍वीर उसी दौरान की है।

पड़ताल के दौरान हमें ओरिजनल तस्‍वीर पीटीआई के आर्काइव में भी मिली। इसे यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए विश्‍वास न्‍यूज ने भारतीय जनता पार्टी के नेता और यूपी प्रवक्‍ता राकेश त्रिपाठी से संपर्क किया। उन्‍होंने बताया कि वायरल तस्वीर फर्जी है। पश्चिम बंगाल चुनाव में ऐसी कई फर्जी तस्‍वीरें और वीडियो वायरल किए जा रहे हैं।

अब बारी थी कि फर्जी पोस्‍ट वायरल करने वाले यूजर के अकांउट की जांच करने की। सोशल स्‍कैनिंग में पता चला कि फेसबुक यूजर राम शर्मा दिल्‍ली के रहने वाले हैं। इनका झुकाव एक खास दल की ओर है।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में वायरल पोस्‍ट फर्जी साबित हुई। मोदी और शाह की ओरिजनल तस्‍वीर से छेड़छाड़ करके उस पर अलग से टोपी जोड़ी गई।

False
Symbols that define nature of fake news
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