Fact Check : भाजपा को समर्थन करने के दावे के साथ महबूबा मुफ्ती का 8 साल पुराना इंटरव्यू वायरल

नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में इंडिया टीवी के रजत शर्मा को महबूबा मुफ्ती से भाजपा से समर्थन लेने पर प्रश्‍न पूछते हुए देखा जा सकता है। इसके बाद महबूबा मुफ्ती विस्‍तार से प्रश्‍न का जवाब देती हैं। वीडियो को कुछ सोशल मीडिया यूजर्स अभी का बताकर वायरल कर रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि अपने फायदे के लिए महबूबा मुफ्ती ने भाजपा से हाथ मिला लिया है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। जांच में पता चला कि वायरल वीडियो आठ साल पुराना है। उनके पुराने इंटरव्‍यू के एक हिस्‍से को एडिट करके गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। हमारी जांच में वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई।

क्या है वायरल?

फेसबुक यूजर मिथिला ने 27 जनवरी को एक वीडियो को पोस्‍ट करते हुए दावा किया, “महबूबा मुफ्ती जी ने बीजेपी से हाथ में मिलाया अपने फायदे के लिए।”

वायरल पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसे सच मानकर कुछ यूजर्स वायरल कर रहे हैं। पोस्‍ट का आर्काइव वर्जन यहां क्लिक करके देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल की शुरुआत यूट्यूब पर सर्च से की। कीवर्ड से सर्च करने पर असली वीडियो इंडिया टीवी के यूट्यूब चैनल पर आठ साल पहले अपलोड मिला। 27 अप्रैल 2015 को अपलोड इस इंटरव्‍यू में महबूबा मुफ्ती को रजत शर्मा से बात करते हुए देखा जा सकता है। 23:50 की टाइम लाइन पर वायरल वीडियो वाले हिस्‍से को देखा जा सकता है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट और इंटरव्‍यू के फुटेज के आधार पर एक कोलाज बनाया। इसमें साफ देखा जा सकता है कि दोनों फुटेज एक ही है। कोलाज में महबूबा मुफ्ती को एक जैसा ही सूट पहने हुए देखा जा सकता है।

भाजपा और पीडीपी गठबंधन के बारे में सर्च करने पर हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं। 2018 को आजतक की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिपोर्ट में बताया गया कि 2015 में भाजपा और गठबंधन से जम्‍मू व कश्‍मीर में सरकार बनी थीं। पीडीपी के मुफ्ती मोहम्‍मद सईद मुख्‍यमंत्री बने थे। 7 जनवरी 2016 को उनके निधन के बाद 4 अप्रैल 2016 को महबूबा मुफ्ती राज्‍य की पहली मुख्‍यमंत्री बनीं। लेकिन इसके बाद 2018 में यह गठबंधन टूट गया।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, जम्‍मू के डिप्‍टी चीफ रिपोर्टर राहुल शर्मा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि महबूबा मुफ्ती का वायरल वीडियो पुराना है। अब उनका भाजपा के साथ कोई गठबंधन नहीं है।

पड़ताल के अंत में पुराने इंटरव्‍यू के एक हिस्‍से को गलत दावे के साथ वायरल करने वाले यूजर की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर मिथिला को 14 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में महबूबा मुफ्ती से जुड़ी वायरल पोस्‍ट भ्रामक साबित हुई। इंडिया टीवी के पत्रकार रजत शर्मा के साथ 2015 में हुए इंटरव्‍यू के एक हिस्‍से को अब एडिट करके वायरल किया जा रहा है।

Misleading
Symbols that define nature of fake news
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