विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा गलत निकला। हमने पाया कि यह वीडियो 2018 का है, जब अपने भतीजे के निधन पर वाइको प्रेस मीट के दौरान रो पड़े थे। यह क्लिपिंग पुरानी है। इसका पेरियार की प्रतिमा को रंग डाल कर खराब किये जाने से कोई संबंध नहीं है।
विश्वास न्यूज़, नई दिल्ली। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में एमडीएमके प्रमुख वाइको को एक प्रेस मीट के दौरान रोते हुए देखा जा सकता है। पोस्ट में दावा किया है कि पेरियार की प्रतिमा को रंग डाल कर खराब किये जाने से नाराज एमडीएमके प्रमुख प्रेस मीट के दौरान रोने लगे। विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा गलत निकला। हमने पाया कि यह वीडियो 2018 का है, जब अपने भतीजे के निधन पर वाइको प्रेस मीट के दौरान रो पड़े थे। यह क्लिपिंग पुरानी है। इसका पेरियार की प्रतिमा को रंग डाल कर खराब किये जाने से कोई संबंध नहीं है।
क्या हो रहा है वायरल?
एमडीएमके चीफ वाइको को एक वीडियो में रोते हुए देखा जा सकता है, जिसको शेयर करते हुए दावा किया जा सकता है कि वाइको तमिलनाडु में पेरियार की प्रतिमा को रंग डाल कर खराब किये जाने से निराश हैं और प्रेस मीट के दौरान ही रो पड़े।
इस पोस्ट के आर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है।
पड़ताल
जब हमने इंटरनेट पर सर्च किया, तो हमें कई ख़बरें मिलीं। इसके अनुसार, वाइको ने पेरियार की प्रतिमा के हटाए जाने की निंदा की थी।
द हिंदू में छपी खबर के अनुसार, “एमडीएमके प्रमुख वाइको ने कोयंबटूर के सुंदरपुरम में भगवा रंग डालकर पेरियार की मूर्ति को खंडित किये जाने की कड़ी निंदा की। वाइको ने मांग की कि दोषी पाए जाने वालों को गिरफ्तार किया जाए और कड़ी सजा दी जाए।”
आउटलुक में लिखे एक लेख के अनुसार, वाइको ने तमिलनाडु में पेरियार की मूर्तियों को लगातार निशाना बनाने की निंदा की।
हालांकि, कहीं भी वाइको के इस घटना को लेकर रोने की खबर नहीं थी।
वायरल वीडियो में हम देख सकते हैं कि किसी ने भी फेसमास्क नहीं पहना हुआ है। जिससे पता चलता है कि वीडियो हाल का नहीं है।
विश्वास न्यूज़ ने वाइको के सचिव अरुणगिरि पी से संपर्क किया। अरुणगिरि ने हमें बताया, “यह वीडियो किसी हालिया घटना का नहीं है। वाइको ने हाल में कोई प्रेस मीट नहीं की है। वीडियो मदुरई, 2018 का है, जब एक प्रेस मीट के दौरान वाइको अपने भांजे की मृत्यु पर रो पड़े थे।”
हमें वाइको का यह मूल वीडियो यूट्यूब पर अगस्त 2018 में अपलोडेड मिला।
इस वीडियो को फेसबुक पर நேதாஜி மாத இதழ் नाम के एक पेज ने शेयर किया था। इस पेज के फेसबुक पर कुल 16,793 फ़ॉलोअर्स हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ की जांच में यह दावा गलत निकला। हमने पाया कि यह वीडियो 2018 का है, जब अपने भतीजे के निधन पर वाइको प्रेस मीट के दौरान रो पड़े थे। यह क्लिपिंग पुरानी है। इसका पेरियार की प्रतिमा को रंग डाल कर खराब किये जाने से कोई संबंध नहीं है।
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