नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। बंगाल से लेकर दिल्ली तक में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध प्रदर्शन के बीच एक तस्वीर को वायरल करते हुए कुछ लोग दावा कर रहे हैं कि बंगाल में छह साल बाद आठ लाख से ज्यादा बजरंग दल के लोग दाखिल हो चुके हैं।
विश्वास न्यूज ने जब इसकी पड़ताल की तो हमें पता चला कि जिस तस्वीर को वायरल किया जा रहा है, वह दरअसल महाराष्ट्र के पुणे के मराठा आंदोलन की चार साल पुरानी है। 25 सितंबर 2016 को पुणे में मराठा क्रांति मोर्चा ने एक रैली निकाली थी। तस्वीर उसी दौरान की है। विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट फर्जी साबित हुई।
हनी सिंह नाम के एक फेसबुक यूजर ने 16 सितंबर को एक तस्वीर को अपलोड करते हुए लिखा : ”6 साल बाद फिर बजरंग दल हरकत में…8 लाख से ऊपर भक्त बंगाल में दाखल. करारा जवाब मिलेगा.”
इस तस्वीर को बंगाल की समझकर कई यूजर्स लगातार शेयर कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले वायरल हो रही तस्वीर को ध्यान से देखा। इसमें हमें तस्वीर के अंतिम हिस्से पर दो होर्डिंग्स दिखे। एक होर्डिंग में हमें मराठा तो दूसरे होर्डिंग में एक फोन नंबर के साथ 020 लिखा हुआ नजर आया।
गूगल में जब हमने 020 STD कोड खोजा तो यह पुणे का निकला।
इसके बाद हमने वायरल तस्वीर को Yandex और गूगल रिवर्स इमेज में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। टाइमलाइन टूल की मदद से हमने सबसे पुरानी तस्वीरों को सर्च करना शुरू किया तो हमें यूटयूब पर एक वीडियो मिला।
जय यादव नाम के एक यूटयूब अकाउंट पर 21 दिसंबर 2016 को अपलोड वीडियो के शुरुआती हिस्से में हमें यह तस्वीर दिखी। हालांकि, इससे हमें यह नहीं पता चल पाया कि ओरिजनल तस्वीर कब की है और कहां की है।
हमें यही तस्वीर विशाल गणेश भीसे नाम के एक ट्विटर हैंडल पर भी मिली। इसे 9 अक्टूबर 2016 को अपनोड किया गया था। इसमें #MarathaKrantiMorcha का यूज किया गया था।
इसके बाद पड़ताल को आगे बढ़ाने के लिए हमने InVID टूल का इस्तेमाल किया। इसमें पुराने ट्वीटस को सर्च करने के लिए हमनें #MarathaKrantiMorcha टाइप करके 9 अक्टूबर 2016 की तस्वीरों को सर्च करना शुरू किया तो हमें 25 सितंबर 2016 को ट्वीट की गई ओरिजनल तस्वीर मिल गई। @sunetra_pawar1 नाम के ट्विटर हैंडल की ओर से चार तस्वीरों को ट्वीट किया गया था। इसमें से एक तस्वीर वही थी, जो अब बंगाल के नाम पर वायरल हो रही है।
@sunetra_pawar1 की ओर से ट्वीट की गई तस्वीरों के लिए कहा गया है कि #मराठाक्रांतीमोर्चा पुणे ये थे आदरणीय सुनेत्रावहिनी पवार. #MarathaKrantiMorcha. मतलब साफ था कि सबसे पुरानी तस्वीर मराठी क्रांति मोर्चा के पुणे में हुए आंदोलन की है।
हमने जब गूगल में पुणे में 25 सितंबर 2016 को हुए आंदोलन की खबर सर्च की तो हमें कई खबरें और वीडियो मिले। जो इस बात की पुष्टि कर रहे थे कि पुणे में यह आंदोलन हुआ था।
ऑनलाइन फैक्ट चेक करने के बाद हमने मराठा क्रांती ठोक मोर्चा प्रमुख आबासाहेब पाटील से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि जिस तस्वीर को बंगाल की बताकर वायरल किया जा रहा है, वह हमारे आंदोलन की तस्वीर है। 25 सितंबर 2016 को पूरे महाराष्ट्र में 58 जगह मोर्चा निकाला गया था। पुणे में भी एक मोर्चा निकला था। तस्वीर उसी दौरान है।
इसके बाद हमने वीएचपी के मीडिया प्रमुख विनोद बंसल से संपर्क किया। उन्होंने विश्वास न्यूज को बताया कि बंगाल में बजरंग दल ने किसी को नहीं भेजा है। बजरंग दल की ऐसी कोई योजना नहीं है। वायरल दावा फर्जी है।
पड़ताल के अंतिम चरण में हमने पुणे की तस्वीर को बंगाल की बताकर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर की सोशल स्कैनिंग की। हमें पता चला कि हनी सिंह नाम का यह यूजर बरेली में रहता है। इसने नवंबर 2012 को अपना अकाउंट बनाया था। इसके अकाउंट पर एक खास विचारधारा से जुड़ी ही पोस्ट रहती है। इस अकाउंट को 1421 लोग फॉलो करते हैं।
निष्कर्ष : विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट झूठी निकली। 25 सितंबर 2016 को पुणे में हुए मराठा आंदोलन की तस्वीर को कुछ लोग बंगाल के नाम से वायरल कर रहे हैं।
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