पूरा सच: कांग्रेस लीडर के फोटो को मिसयूज कर प्रॉस्टिट्यूशन के रैकेट से जोड़ा, जानें इसकी हकीकत

नईदिल्ली (विश्वास टीम।) ”मध्यप्रदेश कांग्रेस नेता शबाना सारा अली अपने घर में चलाती थी बैशयावरती का धंधा। पुलिस की रेड में पकडी गेई खुद भी और अन्य।” 

ऊपर लिखी पंक्तियों और तस्‍वीरों के साथ इस मैसेज को सोशल मीडिया के जरिए तेजी से फैलाया जा रहा है। विश्‍वास टीम ने जब इस वायरल मैसेज की जांच की तो यह पूरी तरह से फर्जी पाया गया।

WE SUPPORT NARENDRA MODI पेज पर इस मैसेज को 14 नवंबर को 3.03 मिनट पर रिद्धि पठानिया द्वारा पोस्ट किया गया है। अभी तक इसे दो हजार से ज्‍‍‍‍‍‍‍यादा लोग शेयर कर चुके हैं। ऐसे ही कई फेसबुक पेज और ग्रुप पर इस मैसेज को शेयर किया जा रहा है। इसे ‘I Am With JAMMU’S HINDUS में अपने 100 मित्रों को जोड़ें‘ पेज पर और ‘एक कदम हिन्दु राष्ट्र की ओर’ पेज पर सूची देवी के नाम से शेयर किया जा रहा है। इस पेज पर 1,541 शेयर, एक हजार लाइक और 114 कमेंट्स आ चुके हैं। Modi Mission 2019 पर 2 बजे तक 256 लोगों ने शेयर किया था और 100 से ज्यादा लोगों ने कमेंट किए थे। ट्विटर पर POLITICAL JOKES/ राजनैतिक चुटकले 🇮🇳 से इसे शेयर किया जा रहा है।

विश्‍वास टीम की पड़ताल

वायरल होते इस खबर को जब हमारी फैक्ट चेक टीम ने चेक किया तो पाया कि इसमें दो फोटो हैं। एक फोटो मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता शबाना सारा अली का बताया जा रहा तो दूसरी फोटो वेश्यावृत्ति में लिप्त लड़कियों का बताया जा रहा था। इस फोटो की सच्चाई जानने कि लिए सबसे पहले हमने शबाना सारा अली के बताए जा रहे फोटो को गूगल रिवर्स इमेज पर जांचा तो जो इस फोटो की हकीकत पता चली।

जिस फोटो को मध्य प्रदेश के शबाना सारा अली का बताकर शेयर किया जा रहा था, वह गूगल रिवर्स इमेज पर मुंबई प्रदेश महिला कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट गुरप्रीत कौर चड्ढा से मिल रहा है।

इसके बाद हमने देखा कि गुरप्रीत कौर चड्ढा ने अपनी फोटो का मिस यूज कर गलत खबर फैलाने के लिए अपने ट्विटर अकाउंट से मुंबई पुलिस को दिए गए आवेदन को शेयर किया है। इसे आप देख सकते हैं।

इस पेज पर लगी तस्वीर को देखने से साफ-साफ पता चलता है कि यह मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेता की तस्वीर नहीं है, जिसे जानबूझकर शेयर किया जा रहा है।

अब दूसरी तस्वीर जिसमें कई लड़कियां अपा मुंह छुपाती नजर आ रही हैं, उसको हमने गूगल रिवर्स इमेज में सर्च किया तो तो बीजिंगइम्पैक्ट.कॉम नाम की वेबसाइट की एक खबर खुली जहां लिखा था कि 12 सितंबर 2012 को वेनजाऊ पुलिस ने रेड मार कर देह व्यापार में लिप्त महिलाओं को गिरफ्तार किया और यह तस्वीर उसी छापे के दौरान की है।

इस तरह गूगल रिवर्स इमेज से दोनों पिक्स की असलियत हमें पता चल गई कि यह पूरी तरह से फेक न्यूज है।

पूरा सच जानें…सब को बताएं 

सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्‍यम से भी सूचना दे सकते हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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