पूरा सच : केजरीवाल के दो साल पुराने वीडियो से छेड़छाड़ करके किया जा रहा है वायरल

नई दिल्‍ली(विश्‍वास टीम)। फेसबुक और ट्विटर पर दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है। वीडियो में अरविंद केजरीवाल कार में बैठे हुए हैं। कैमरे में चुनाव से जुड़ी बातें बोल रहे हैं। वीडियो फैलाने वालों का दावा है कि इस वीडियो में केजरीवाल शराब पीकर टुन्न हैं। विश्‍वास टीम की पड़ताल में पता चला कि केजरीवाल के असली वीडियो की स्‍पीड कम करके फेक वीडियो बनाया गया है। इसे ही वायरल किया जा रहा है।

क्‍या है वायरल वीडियो में?

फेसबुक पर वायरल वीडियो करीब एक मिनट का है, जबकि ट्विटर के वीडियो की लंबाई 38 सेकंड है। 3 जनवरी 2018 को राकेश पांडे ने इस वीडियो को अपलोड करते हुए ट्विटर पर लिखा – अपने आखिरी चुनाव का प्रचार करते घुँघरुसेठ !!

फेसबुक पर राजन मदान नाम के यूजर्स ने अरविंद केजरीवाल के फेक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा – थोड़ी सी तो पी है……🍷🍺🍾😜😂 अपने आखरी चुनाव के लिए प्रचार करते हुए केजरीवाल।

पड़ताल

सोशल मीडिया पर तेजी से फैलते इस वीडियो की सच्‍चाई जानने के लिए विश्‍वास टीम ने इस वीडियो की पड़ताल की। फेक वीडियो के ऊपर हमें TikTok लिखा हुआ दिखा। इसके नीचे @rkumarmadaan लिखा हुआ है। TikTok एक वीडियो एडिटिंग ऐप है। @rkumarmadaan राजन मदान उस शख्‍स का यूजर नेम नाम है, जिसने TikTok ऐप में केजरीवाल के ओरिजनल वीडियो को अपलोड करके एडिट किया है।

अरविंद केजरीवाल सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। इसलिए हमने उनकी सोशल मीडिया प्रोफाइल स्‍कैन करने का फैसला लिया। केजरीवाल के फेसबुक काउंट @AAPkaArvind पर जाकर हमने वीडियो सेक्‍शन में जाकर वायरल वीडियो को सर्च किया। यहां हमें कई वीडियो दिखे, जो कार में बैठकर बनाए गए थे। हर ऐसे वीडियो को हमने क्लिक करके सुना। 29 जनवरी 2017 को अपलोड वीडियो में केजरीवाल ने वही लाल स्‍वेटर पहनी हुई है, जो वायरल वीडियो में है।

1:53 मिनट के इस वीडियो को सुनने के बाद ये साफ हो गया है कि वायरल वीडियो को इसी मूल वीडियो से एडिट किया गया है। असली वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

ये तो तय हो गया कि वायरल वीडियो फेक है। अब हमें ये जानना था कि मूल वीडियो की कितनी स्‍पीड स्‍लो की गई। इसके लिए हमने watchframebyframe.com की मदद ली। इसमें हमने अरविंद केजरीवाल के मूल वीडियो को फेसबुक से डाउनलोड करके Youtube पर अपलोड किया। इसके बाद Youtube के लिंक को watchframebyframe.com में डाला। वहां हमें स्‍पीड स्‍लो और तेज करने के चार विकल्‍प मिले। वीडियो की स्‍पीड को हम यदि दोगुनी कर दें तो वीडियो की स्‍पीड बढ़ जाएगी। इसी तरह यदि वीडियो की स्‍पीड स्‍लो कर दी जाए तो वीडियो की स्‍पीड और ऑडियो दोनों ही स्‍लो हो जाएगा। यहां हम वीडियो की स्‍पीड को 1/2 और 1/4 तक स्‍लो कर सकते हैं। 1/2 की स्‍पीड जब हमने की तो मूल वीडियो भी उसी तरह हो गया, जैसे फेक वीडियो है।

https://foller.me और http://stalkscan.com/ से जब हमने राजन मदान की सोशल प्रोफाइल स्‍कैन किया तो पता चला कि वे पहले आम आदमी पार्टी से ही जुड़े हुए थे। दिल्‍ली विधानसभा में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ पर्चे फेंकने के कारण राजन मदान को जेल भी हो चुकी है। उनकी अधिकांश पोस्‍ट आम आदमी पार्टी, अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस के खिलाफ होती है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास टीम की पड़ताल में ये पता चला कि अरविंद केजरीवाल के दो साल पुराने वीडियो को स्‍लो करके गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। ओरिजनल वीडियो जनवरी 2017 का है।

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Symbols that define nature of fake news
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