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Quick Fact Check : स्‍कूल फीस से जुड़ा पाकिस्‍तानी कोर्ट का पुराना आदेश फिर से भारत में हुआ वायरल

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में स्‍कूल फीस से जुड़ा आदेश फर्जी साबित हुआ। इसे कुछ लोग हर साल वायरल करते रहते हैं।

  • By: Ashish Maharishi
  • Published: Mar 14, 2020 at 03:06 PM
  • Updated: Dec 14, 2020 at 08:39 PM

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया में एक बार फिर से एक फर्जी आदेश वायरल हो रहा है। इसमें हाईकोर्ट के कथित आदेश के नाम पर दावा किया जा रहा है कि जून व जुलाई में कोई भी प्राइवेट स्‍कूल फीस नहीं ले सकते हैं। विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की तो दावा फर्जी निकला। पाकिस्‍तान के कराची हाईकोर्ट के एक पुराने आदेश को भारतीय संदर्भ में झूठे दावों के साथ वायरल किया जा रहा है। यह फर्जी मैसेज हर साल वायरल होता है। विश्‍वास न्‍यूज ने पहले भी इस फेक मैसेज की पड़ताल की थी।

क्‍या है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक यूजर नवीन कौशिक ने 13 मार्च 2020 को एक फर्जी लेटर हेड पर लिखे एक आदेश को अपने अकाउंट पर अपलोड करते हुए इसे हाईकोर्ट का आदेश बताया।

इस आदेश में लिखा था कि कोई भी प्राइवेट स्‍कूल जून और जुलाई की फीस नहीं लेंगे। मैसेज में लिखा गया है कि यदि कोई भी स्‍कूल मना करने के बाद फीस वसूली की तो उसके खिलाफ कार्यवाही हेोगी।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले वायरल हो रहे पत्र को ध्‍यान से देखा। हमें इसमें कई गलतियां नजर आईं। इसके बाद हमने सबसे पहले गूगल में इस खबर को सर्च करने का फैसला किया। गूगल से हमें पता चला कि यह मैसेज अलग-अलग फॉर्मेट में कई साल से फैला हुआ है।

विश्‍वास टीम को दैनिक जागरण की वेबसाइट पर एक पुरानी खबर मिली। इस खबर के अनुसार, यह रिट भारत की किसी भी कोर्ट की नहीं है, बल्कि हाईकोर्ट सिंध व कराची में डाली गई थी। दैनिक जागरण ने यह खबर 10 मई 2018 को प्रकाशित की थी।

विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में पटना के डीएवी पब्लिश स्‍कूल के प्रिंसिपल एके झा ने बताया कि ऐसे फर्जी मैसेज वायरल होते रहते हैं। इसमें कोई सच्‍चाई नहीं है।

अंत में हमने फर्जी मैसेज फैलाने वाले यूजर नवीन कौशिक के अकाउंट की जांच की। हमें पता चला कि यूजर हरियाणा के फरीदाबाद में रहता है। इसके अकाउंट पर हमें वायरल कंटेंट ज्‍यादा मिला।

इस पड़ताल को विस्‍तार से पढ़ें

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में स्‍कूल फीस से जुड़ा आदेश फर्जी साबित हुआ। इसे कुछ लोग हर साल वायरल करते रहते हैं।

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