नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। देश में नागरिकता संशोधन बिल के लागू होने के बाद से ही सोशल मीडिया में कई फर्जी वीडियो और तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इसी कड़ी में सोशल मीडिया में एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ पुलिसवालों को गोलियां चलाते हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि वायरल वीडियो असम के डिब्रूगढ़ का है।
विश्वास न्यूज की पड़ताल में पता चला कि वायरल पोस्ट का दावा फर्जी है। दरअसल ओरिजनल वीडियो झारखंड के खूंटी में दो साल पहले हुए एक मॉकड्रिल का है। इसे अब गलत दावे के साथ वायरल किया जा रहा है।
15 सेकंड का यह वीडियो फेसबुक, ट्विटर और वॉट्सऐप के अलावा दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कुछ पुलिसकर्मी सड़क के दूसरे साइड पर खड़ी भीड़ पर गोलियां चलाते हुए दिख रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने सबसे पहले 15 सेकंड के वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। इसमें दो बातें अजीब लगीं। पहली, यदि पुलिस लोगों पर फायरिंग करती तो वहां भगदड़ मच जाती, लेकिन वायरल वीडियो में सब शांति से खड़े दिखे। दूसरी अजीब बात यह लगी कि गोलियां चलने के बाद लोगों के हंसने की आवाज को साफतौर से सुना जा सकता है। ये दोनों बातें वायरल वीडियो के साथ किए जा रहे दावों को संदिग्ध बनाती हैं।
पड़ताल की शुरुआत हमने InVID टूल से की। वायरल वीडियो से कुछ फुटेज को क्रॉप करके InVID में अपलोड करके सर्च करना शुरू किया। यह वीडियो हमें कई जगह मिला। कभी इसे दिल्ली में फायरिंग तो कभी कश्मीर में फायरिंग के नाम पर वायरल किया जा चुका है।
हमें पुराना वीडियो JIIT Academy, Torpa Center Director नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला। 1 नवंबर 2017 को अपलोड किए गए इस वीडियो की अवधि 1 मिनट थी। इस वीडियो के साथ लिखा गया कि यह खूंटी पुलिस की मॉक ड्रिल है।
पड़ताल के दौरान हमें यूट्यूब पर खूंटी मॉक ड्रिल का एक और वीडियो मिला। यह दूसरे एंगल से बनाया गया वीडियो था। 3 नवंबर 2017 को अपलोड इस वीडियो में हमें वही दुकानें दिखीं, जो वायरल वीडियो में मौजूद हैं।
अब हमें यह जानना था कि खूंटी आखिर कहां है। इसके लिए हमने गूगल में खूंटी सर्च किया तो हमें पता चला कि खूंटी झारखंड का एक प्रमुख जिला है।
वीडियो की सच्चाई को लेकर खूंटी के एसपी आशुतोष शेखर ने बताया कि यह पुराना वीडियो है। यह पुलिस फायरिंग का नहीं, बल्कि मॉक ड्रिल का वीडियो है। यह करीब दो साल पुराना है। खूंटी के मेन रोड में जगदंबा स्टील के पास जिला पुलिस ने मॉक ड्रिल किया था। यह वीडियो उसी मॉक ड्रिल की है। यह वीडियो पहले भी वायरल हो चुका है।
पड़ताल के अंत में हमने झारखंड के पुराने वीडियो को असम के नाम पर वायरल करने वाले फेसबुक यूजर दिब्याज्योति के अकाउंट को खंगाला। हमें पता चला कि इसे 465 लोग फॉलो करते हैं। यूजर असम के नॉर्थ लखीमपुर का रहने वाला है।
निष्कर्ष : असम में पुलिस फायरिंग के नाम पर वायरल हो रहा वीडियो फर्जी है। दरअसल दो साल पहले झारखंड के खूंटी में हुए मॉक ड्रिल के वीडियो को असम के नाम पर वायरल किया जा रहा है।
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