Fact Check : भारतीय रेलवे को लेकर किया गया झूठा दावा, यह सिर्फ विज्ञापन है

विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अडानी को भारतीय रेलवे बेचने की बात झूठी निकली। ट्रेन के इंजन पर अडानी के प्रोडक्‍ट का विज्ञापन छपा है, ना कि ट्रेन को बेचा गया। रेलवे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अपने इंजन पर प्राइवेट कंपनियों के विज्ञापन को जगह देती है।

नई दिल्‍ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में ट्रेन के इंजन पर अडानी विलमार और फॉर्च्‍यून चक्‍की फ्रेश आटा लिखा हुआ नजर आ रहा है। यूजर्स इस वीडियो के माध्‍यम से दावा कर रहे हैं कि भारतीय रेलवे को अडानी को बेच दिया गया। वीडियो फेसबुक, ट्विटर के अलावा वॉट्सऐप पर भी खूब वायरल है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। हमें पता चला कि यह सिर्फ फॉर्च्‍यून चक्‍कीफ्रेश आटे का विज्ञापन है। यह विज्ञापन वेस्‍टर्न रेलवे के अंतर्गत आने वाली ट्रेन के इंजन पर दिया गया। ऐसे में यह कहना सरासर गलत है कि भारतीय रेलवे को अडानी को बेच दिया गया है। कुछ लोग इससे जुड़े वीडियो को झूठ दावों के साथ वायरल कर रहे हैं।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर वीबी सुनील ने 12 दिसंबर को एक वीडियो को अपलोड किया। इसके साथ दावा किया गया : ‘रेलवे भी हुई #अंबानी और #अडानी की अब बचा क्या है बेचने के लिए।’

फेसबुक पोस्‍ट का आर्काइव्‍ड वर्जन यहां देख सकते हैं। वीडियो को दूसरे यूजर्स भी सोशल मीडिया में वायरल कर रहे हैं।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले भारतीय रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी अनिल सक्सेना से संपर्क किया। उन्‍हें वॉट्सऐप के माध्‍यम से वायरल वीडियो भेजा। जिसके बाद उन्‍होंने हमें कई खबरों के लिंक भेजे। खबर में हमें हल्‍दीराम के प्रोडक्‍ट की विज्ञापन रेल के इंजन पर दिखा। यह खबर आप यहां देख सकते हैं।

रेलवे के मुताबिक, भारतीय रेलवे की आय बढ़ाने के लिए पिछले कुछ सालों से रेल के इंजन पर ब्रांडिग की शुरुआत की गई है। कुरकुरे और अमूल के विज्ञापन भी रेल के ऊपर देखे जा सकते हैं।

गूगल सर्च के दौरान हमें फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक और खबर मिली। इसमें बताया गया कि रेलवे अपनी कमाई बढ़ाने के लिए अडानी और हल्‍दीराम की ओर देख रहा है। वड़ोदरा में अडानी विलमार को लोकोमोटिव ब्रांडिंग के लिए अलॉट किए गए हैं। पूरी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं।

वायरल वीडियो की शुरुआत में हमें इंजन के ऊपर वड़ोदरा और अडानी-विलमार लिखा हुआ नजर आया। वडोदरा वेस्‍टर्न रेलवे के अंतर्गत आता है। इसलिए हमने वेस्‍टर्न रेलवे से संपर्क किया।

अधिक जानकारी के लिए विश्‍वास न्‍यूज ने वेस्‍टर्न रेलवे के पीआरओ खेमराज मीणा से संपर्क किया। उन्‍होंने हमें विस्‍तार से जानकारी देते हुए बताया कि कोई भी निजी कंपनी अपने प्रोडक्‍ट का विज्ञापन हमें दे सकती है। यह कोई पहली बार नहीं है। पहले से ऐसा होता आ रहा है। यह कहना बिल्कुल गलत होगा कि रेलवे को अडानी को बेचा जा चुका है।

पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि ‘अडानी-विलमार’ भारत की अडानी ग्रुप और सिंगापुर की विलमार इंटरनेशनल का संयुक्‍त उपक्रम है। इसे 1999 में बनाया गया।

अब बारी थी पड़ताल के अंतिम चरण की। फेसबुक यूजर वीबी सुनील के अकाउंट की जांच से हमें पता चला कि यूजर के 3575 फ्रेंड हैं। यूजर फिलहाल भिलाई में रहता है। इसके अकाउंट को 1643 लोग फॉलो करते हैं।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में अडानी को भारतीय रेलवे बेचने की बात झूठी निकली। ट्रेन के इंजन पर अडानी के प्रोडक्‍ट का विज्ञापन छपा है, ना कि ट्रेन को बेचा गया। रेलवे अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अपने इंजन पर प्राइवेट कंपनियों के विज्ञापन को जगह देती है।

False
Symbols that define nature of fake news
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