विश्वास न्यूज की जांच में रवीश कुमार के नाम से इंडिया गेट को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी निकला।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया पर एक बार फिर से रवीश कुमार के हवाले से इंडिया गेट को लेकर एक फर्जी खबर वायरल हो रही है। इसमें दावा किया जा रहा है कि इंडिया गेट पर 95300 स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखे हैं। इसमें से 61395 मुसलमान हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में वायरल पोस्ट फर्जी निकली। विश्वास न्यूज पहले भी इस पोस्ट की जांच कर चुका है। हमारी जांच में पता चला कि इंडिया गेट पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नहीं, बल्कि प्रथम विश्व युद्ध और तीसरे एंग्लो अफगान युद्ध के शहीदों के नाम लिखे गए हैं।
फेसबुक यूजर Moiz Mohmmad ने 11 जून को एक पोस्ट के साथ दावा किया : “पूरा देश जानता है कि इंडिया गेट पर कुल 95,300 “स्वतंत्रता सेनानियों” के नाम अंकित हैं, उनमें से 61,395 ‘मुसलमान’ हैं और संघी भाजपाई चिल्लाते हैं की मुसलमान गद्दार हैं।”
इस पोस्ट का आकाईव वर्जन आप यहां देख सकते हैं।
विश्वास न्यूज की जांच में पता चला कि दिल्ली के इंडिया गेट का निर्माण अंग्रेज सरकार ने करवाया था। यह एक वॉर मेमोरियल है। यह 1931 में बनकर तैयार हुआ था। इसके ऊपर 82 हजार भारतीय और ब्रिटिश सैनिकों का नाम लिखा गया था। ये वे सैनिक थे, जिन्होंने अंग्रेजों की ओर से प्रथम विश्व युद्ध (1914-1918) और तीसरा एंग्लो अफगान वॉर (1919) लड़ा था।
यहां एक बात महत्वपूर्ण है कि स्वतंत्रता सेनानी उसे माना जाता है, जिन्होंने अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए संघर्ष किया था। ऐसे में यह कहना कि इंडिया गेट पर स्वतंत्रा सेनानियों के नाम अंकित हैं, झूठ है।
पड़ताल के दौरान रवीश कुमार ने बताया कि उनके नाम से वायरल पोस्ट झूठी है। इंडिया गेट को लेकर उन्होंने ऐसा कभी कुछ नहीं कहा, जो वायरल है।
पूरी पड़ताल आप यहां पढ़ सकते हैं।
अंत में हमने फर्जी पोस्ट करने वाले यूजर Moiz Mohmmad की जांच की। इनके अकाउंट की सोशल स्कैनिंग में पता चला कि यूजर मध्य प्रदेश के देवास के रहने वाले हैं।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की जांच में रवीश कुमार के नाम से इंडिया गेट को लेकर किया जा रहा दावा फर्जी निकला।
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