विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। मध्य प्रदेश के इंदौर की घटना को कुछ लोग यूपी का बताकर वायरल कर रहे हैं।
नई दिल्ली (विश्वास न्यूज)। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर अर्धनग्न युवकों का एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में देखा जा सकता है कि इन युवकों को आपस में एक रस्सी की मदद से बांधा गया है। सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स इस वीडियो को यूपी का बताकर वायरल कर रहे हैं।
विश्वास न्यूज ने वायरल पोस्ट की जांच की। दावा भ्रामक साबित हुआ। मध्य प्रदेश के इंदौर के वीडियो को कुछ लोग यूपी का बताकर भ्रम फैला रहे हैं।
इंस्टाग्राम यूजर भगवा स्वराज डीके ने 30 सितंबर को एक वीडियो को अपलोड करते हुए लिखा, “योगी आदित्यनाथ का action पाकिस्तान के झंडे का डंडा घूस गया जिहादियों के।”
सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान और मिलते-जुलते दावे के साथ शेयर किया है। पोस्ट के कंटेंट को यहां ज्यों का त्यों लिखा गया। पोस्ट का आकाईव वर्जन यहां देखें।
विश्वास न्यूज ने यूपी के नाम से वायरल वीडियो की जांच के लिए सबसे पहले इसके कई कीफ्रेम्स निकाले। फिर इन्हें गूगल लेंस की मदद से सर्च करना शुरू किया। हमें संबंधित कीफ्रेम से जुड़ी एक खबर टीवी9 हिंदी की वेबसाइट पर मिली। 9 सितंबर 2023 की इस खबर में बताया गया, “इंदौर के सदर बाजार थाना क्षेत्र के जूना रिसाला में दो गुटों के बीच मारपीट का मामला सामने आया था। क्षेत्र में दबदबा कायम करने के उद्देश्य से दोनों गुटों ने पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद पुलिस ने पूरा मामले में जांच पड़ताल कर आठ लोगों पर कार्रवाई की है। पुलिस ने बदमाशों को घटना स्थल पर ले जाकर रिक्रिएशन भी कराया, जो पत्थर बदमाशों ने एक दूसरे पर फेंके थे। पुलिस ने इन बदमाशों को रस्सी से बांधकर सड़क पर पड़े हुए सारे पत्थर बिनवाए। साथ ही पुलिस ने इन लोगों के बीच बदमाशों से माफी भी मंगवाई की आगे से वह ऐसा उपद्रव नहीं करेंगे। न ही किसी को किसी प्रकार का नुकसान पहुंचाएंगे।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
सर्च के दौरान नईदुनिया डॉट कॉम पर एक खबर मिली। 9 सितंबर को पब्लिश इस खबर में बताया गया, “इंदौर में पथराव के आरोपितों को पुलिस ने अलग ही अंदाज में सबक सिखाया।अर्धनग्न अवस्था में आरोपित घटनास्थल पर पहुंचे और चुन-चुनकर पत्थर बीने । पूरी सड़क साफ की और रहवासियों से माफी मांगकर कहा, असुविधा के लिए खेद है। आगे से ऐसी गलती नहीं होगी। पुलिस आरोपितों को रस्सी से बांधकर ले गई थी।” पूरी खबर यहां पढ़ें। फ्रीप्रेस जर्नल नाम की एक वेबसाइट पर भी संबंधित खबर मिली। इसमें वायरल वीडियो का भी इस्तेमाल किया गया।
मीर फैजल नाम के एक्स हैंडल से इस वीडियो को पोस्ट किया गया था। 9 सितंबर को पोस्ट किए गए वीडियो को मध्य प्रदेश के इंदौर का ही बताया गया।
जांच के दौरान यह वीडियो पत्रकार मीना कोटवाल के एक्स हैंडल पर भी मिला। इसमें भी वीडियो को इंदौर का बताया गया।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने गूगल ओपन सर्च टूल का इस्तेमाल किया । इंडिया टीवी की वेबसाइट पर एक खबर मिली। इसमें भी वीडियो के कीफ्रेम का इस्तेमाल किया गया था । 9 सितंबर को पब्लिश इस खबर में बताया गया, “मध्य प्रदेश के इंदौर में सदर बाजार क्षेत्र में दो पक्षों का आपसी विवाद हो गया था, जिसके बाद दोनों के बीच पथराव हो गया। इस मामले में पुलिस को सूचना मिली तो आपसी विवाद में पथराव करने वाले दोनो पक्षों के बदमाशों कोफौरन पकड़ लिया और ऐसी सजा दी कि शहर के लोगों के लिए उदाहरण बन गया। दरअसल, पुलिस ने आपसी विवाद में पथराव करने वाले दोनो पक्षों के बदमाशों को अर्धनग्न करके जुलूस निकाला। इसका वीडियो भी सामने आया है।” पूरी खबर यहां पढ़ें।
वायरल वीडियो को लेकर इंदौर के डीसीपी जोन-1 आदित्य मिश्रा ने कहा कि वायरल वीडियो इंदौर का है। यहां के सदर बाजार थाना क्षेत्र में आरोपित जुबैर, मोईन, मोहसिन, मशरूप, अमजद, इम्मा, शानू उर्फ रिजवान, सोहेल, कच्छू के खिलाफ पत्थरबाजी का मुकदमा दर्ज किया था।
निष्कर्ष: विश्वास न्यूज की पड़ताल में वायरल पोस्ट भ्रामक साबित हुई। मध्य प्रदेश के इंदौर की घटना को कुछ लोग यूपी का बताकर वायरल कर रहे हैं।
सब को बताएं, सच जानना आपका अधिकार है। अगर आपको ऐसी किसी भी खबर पर संदेह है जिसका असर आप, समाज और देश पर हो सकता है तो हमें बताएं। हमें यहां जानकारी भेज सकते हैं। हमें contact@vishvasnews.com पर ईमेल कर सकते हैं। इसके साथ ही वॅाट्सऐप (नंबर – 9205270923) के माध्यम से भी सूचना दे सकते हैं।