Fact Check: रेलवे स्टेशन पर पानी की बोतलें बांटने वाले आरएसएस के स्वयंसेवकों की तस्वीर भ्रामक दावों के साथ वायरल

विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। असल में यह तस्वीर गुजरात के राजकोट के पास मोरबी रेलवे स्टेशन की है जहां लॉकडाउन के दौरान चलीं स्पेशल ट्रेनों में सफर कर रहे लोगों की सहूलियत और सेवा के लिए आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पानी की बोतलें मुफ्त में बांटीं थीं।

नई दिल्ली विश्वास टीम। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें आरएसएस के एक स्वयंसेवक को एक पानी की बोतलों से लदा ठेला खींचते देखा जा सकता है। पोस्ट में कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्वयंसेवक रेलवे स्टेशन पर पीने का पानी बेच रहे हैं। विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। असल में यह तस्वीर गुजरात के राजकोट के पास मोरबी रेलवे स्टेशन की है, जहां लॉकडाउन के दौरान चलीं स्पेशल ट्रेनों में सफर कर रहे लोगों की सहूलियत और सेवा के लिए आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पानी की बोतलें मुफ्त में बांटीं थीं।

क्या हो रहा है वायरल?

वायरल तस्वीर में एक स्वयंसेवक को एक पानी की बोतलों से लदा ठेला खींचते देखा जा सकता है। पोस्ट के साथ डिस्क्रिप्शन में लिखा है, “Sanghi chaddis are selling drinking water at exorbitant rates at railway stations to make fast bucks. Shame on these sanghi leeches who posses zero humanity and ethics.” जिसका हिंदी अनुवाद होता है “आरएसएस के लोग पैसे कमाने के लिए ऊंचे दामों में पानी की बोतलें रेलवे स्टशनों पर बेच रहे हैं। इन लोगों में नैतिकता है ही नहीं। शर्म करो।”

इस पोस्ट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है।

पड़ताल

हमने इस फोटो को गूगल रिवर्स इमेज सर्च की मदद से ढूंढा तो पाया कि प्रधानमंत्री कार्यालय में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए गठित मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने ट्विटर पर इस तस्वीर को 10 मई को शेयर करते हुए कैप्शन लिखा था: “RSS के स्वयंसेवक, रेलवे स्टेशन पर, ट्रेन में अपने घर जा रहे प्रवासी श्रमिकों को पानी वितरित करते हुए।”

खोजने पर हमने पाया कि ‘फ्रेंड्स ऑफ आरएसएस’, @friendsofrss नाम के ट्विटर हैंडल ने भी इस दावे को गलत बताया था।

Vishvas News ने तस्वीर के पीछे की सच्चाई जानने के लिए कुछ स्वयंसेवकों के बीच तस्वीर को प्रसारित किया, तब यह पता चला कि तस्वीरें गुजरात के राजकोट के पास मोरबी की है।

विश्वास न्यूज़ ने इसके बाद राजकोट के संघ सहविभाग कार्यवाह, विपुल अघारा से संपर्क किया। उन्होंने पुष्टि की कि यह तस्वीर मोरबी की ही है। दो श्रमिक विशेष ट्रेनें 2500 मजदूरों के साथ मोरबी स्टेशन से अपने घर के लिए रवाना हुईं थीं। आरएसएस के 45 स्वयंसेवकों ने प्रवासी श्रमिकों की सेवा की और उनकी यात्रा के लिए प्रत्येक प्रवासी श्रमिक को मिनरल वाटर की बोतल, भोजन के पैकेट और छाछ वितरित किए।” उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने ऐसा 8, 9 और 10 मई को किया। 11 तारीख को नहीं, क्योंकि 11 को मुरलीगंज से मुरैना जाने वाली कोई ट्रेन नहीं थी।

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर कई लोग गलत दावे के साथ शेयर कर रहे हैं। इन्हीं में से एक है Kasturi Bhatt नाम का फेसबुक यूजर। यूजर के फेसबुक पर 1,277 फ़ॉलोअर्स हैं।

निष्कर्ष: विश्वास न्यूज़ ने अपनी पड़ताल में पाया कि यह दावा सही नहीं है। असल में यह तस्वीर गुजरात के राजकोट के पास मोरबी रेलवे स्टेशन की है जहां लॉकडाउन के दौरान चलीं स्पेशल ट्रेनों में सफर कर रहे लोगों की सहूलियत और सेवा के लिए आरएसएस के स्वयंसेवकों ने पानी की बोतलें मुफ्त में बांटीं थीं।

False
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