Fact Check: आईएएस अधिकारी निधि चौधरी ने किया था व्यंग्यात्मक ट्वीट, वायरल पोस्ट भ्रामक है

नई दिल्ली (विश्वास टीम)। सोशल मीडिया पर एक ट्वीट अचानक से सुर्खियां बटोरने लगा और विवाद का कारण बन गया। दरअसल हुआ ये कि आईएएस अधिकारी निधि चौधरी ने ट्वीट किया, “150 जन्म जयंती का क्या विशेष उत्सव चल रहा है। यह एक बड़ा मौका है कि हम उनकी तस्वीर को मुद्राओं से, उनकी मूर्तियों को दुनिया भर से, उनके बाद उनके नाम पर रखे गए संस्थानों के, रास्तों के नामों को बदल सकते हैं। यह हम सभी की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी। गोडसे आपका 30-1-1948 के लिए धन्यवाद”। मामला संवेदनशील था और विश्वास न्यूज़ ने इसकी जाँच-पड़ताल की और ट्वीट की मंशा को साफ़ किया और जिस सन्दर्भ के साथ उसको फैलाया जा रहा था उसको गलत साबित किया |

क्या है वायरल पोस्ट में?

तारीख 1 जून को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वेबसाइट बोलता हिंदुस्तान एक खबर पब्लिश करती है जिसकी हेडलाइन होती हैं, “IAS बोलीं- नोटों पर गांधी की जगह गोडसे छपे हों। NCP नेता ने कहा- इस अधिकारी को सस्पेंड करे सरकार” लेख की शुरुआत एक ट्वीट और उसके रीट्वीट के बढ़ते विवादित सिलसिले को लेकर लिखी जाती हैं| लेख की शुरुआत कुछ इस तरह है। आप भी पढ़िए , बोलता हिंदुस्तान के मार्क तस्वीर “नफ़रत के जिस पेड़ को लम्बे वक़्त से खाद-पानी दिया जा रहा है उसपर अब फल आने लगे हैं। अब पढ़े-लिखे सरकारी अफसर भी महात्मा गांधी के खिलाफ ज़हर उगलने लगे हैं। निधि चौधरी नाम की एक IAS अफसर ने WHATSAPP यूनिवर्सिटी से प्राप्त एक पोस्ट लिखा- जिसमें मांग थी कि भारतीय नोटों पर गांधी की जगह नाथूराम गोडसे को दिया जाए।” विश्वास टीम ने इस खबर को जाँच-पड़ताल के लिए चुना और परत दर परत इसकी सच्चाई सामने रखने का फैसला किया |

पड़ताल

हमने इस पड़ताल की शुरुआत एक बड़े सवाल से की आखिर इस ट्वीट का मतलब क्या है और मंशा क्या है ?

यह ट्वीट 17 मई को आईएएस अफसर निधि चौधरी ने किया था | सबसे पहले हमने इस ट्वीट में लिखे शब्दों को ध्यान से पढ़ना शुरू किया ट्वीट में लिखा था, “ट्वीट तस्वीर” 150 जन्म जयंती का क्या विशेष उत्सव चल रहा है। यह एक बड़ा मौका है कि हम उनकी तस्वीर को मुद्राओं से, उनकी मूर्तियों को दुनिया भर से, उनके बाद उनके नाम पर रखे गए संस्थानों के, रास्तों के नामों को बदल सकते हैं। यह हम सभी की ओर से सच्ची श्रद्धांजलि होगी। गोडसे आपका 30-1-1948 के लिए धन्यवाद”। (अंग्रेजी का अनुवाद किया गया है ) यह फेसबुक ट्विटर और तमाम सोशल मीडिया के मंच पर खूब वायरल हुआ और शेयर करने वालों में आम से खास तक लोग फेहरिस्त में शामिल थे।निधि चौधरी पर उनके महात्मा गांधी से संबंधित ट्वीट को लेकर जमकर लगातार निशाना साधा जा रहा है।

इस बबाल पर उनकी शिकायत भी की गयी, उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और साथ ही उनका तबादला भी कर दिया गया। हमने गूगल पर कुछ की वर्ड्स “IAS निधि चौधरी ” “IAS निधि पर कार्रवाई” और “IAS निधि चौधरी विवाद” करके सर्च करना शुरू किया तो तमाम लिंक्स हमारे आगे खुल गए।

और ट्विटर के कुछ ट्वीट्स भी जिसमे उनके इस विवाद से सम्बंधित कार्रवाई करने को लेकर ट्वीट ANI पर था।

निधि चौधरी की फेसबुक प्रोफाइल और ट्विटर टाइमलाइन को हमने देखना और समझना शुरू किया और देखने पर बहुत जगह उनकी पोस्ट्स और ट्वीट में यह तस्वीर साफ़ होने लगी कि वह गांधी को अनुसरण भी करती है |

अप्रैल 2019 में, उन्होंने गांधी की किताब ‘सत्य के प्रयोग’ को अपनी मनपसंद किताब बताया था ।फिर 2018 में अपने ट्वीट में उन्होंने सत्य और अहिंसा का मतलब समझाने के लिए महात्मा गांधी का धन्यवाद भी किया था।

बहुत सारे ऐसे ट्वीट हाथ लगे जब आईएएस ऑफिसर गांधी के संदेशों को समय-समय पर पोस्ट भी करती रही हैं| एक जगह हमें यह भी मिला जब उन्होंने लिखा, “गांधी जी मुझे हर दिन प्रेरित करते हैं और मैं उनके संदेशों को नियमित रूप से पोस्ट करती रहती हूं…उनके ट्वीट आज किसी भी समय की तुलना में अधिक आवश्यक हैं।” और यह ट्वीट उन्होंने एक शख्स के यह पूछने पर किया था, “आप महात्मा गांधी के संदेशों को इतना क्यों साझा करती है?” इस पूरी घटना के बाद निधि चौधरी ने अपनी फेसबुक पर एक लम्बी-चौड़ी कविता भी लिखी ,जिसको हमने ध्यान से पढ़ा और समझा और उसको आपसे भी साझा कर रहे हैं।

कविता से स्पष्ट था कि उनके ट्वीट को ट्विस्ट किया गया और वो इस बात को लेकर बेहद दुखी थी।

फिर हमने सबसे महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आईएएस अधिकारी निधि चौधरी से बात करने का फैसला लिया और उनसे संपर्क साधा। हमने अपने सवाल के शुरुआत उनके ट्वीट को दिखाकर की, निधि चौधरी का जवाब था कि उन्होंने इस पर अपनी कविता लिखी और उनके ट्वीट को गलत समझा गया ,जबकि वो पूरा व्यंग्य था। क्या अपने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में लिखा था, उन्होंने बोला, ” पूर्ण रूप से (रोते हुए इमोजी) , 150 वीं वर्षगांठ का संदर्भ और गांधीजी के अंतिम संस्कार के जुलूस की छवि बहुत स्पष्ट रूप से साबित करती है कि यह गहरी पीड़ा के साथ लिखा गया था। यह 17 मई को पोस्ट किया गया था और 31 मई तक किसी ने इसका गलत मतलब नहीं निकाला। ऐसा लगता है जैसे 31 मई के बाद लोगों का आईक्यू लेवल नीचे चला गया। वास्तव में, यह ट्वीट लगे रहो मुन्नाभाई के एक दृश्य से प्रेरित था, जिसमें मेरे ट्वीट के प्रत्येक शब्द को गांधीजी के चरित्र द्वारा बोला गया था। अगर हमें गांधीजी को कहीं रखना है, तो यह हमारा दिल है। (Absolutely, The weeping emoticon😭, the reference to 150th anniversary and image of GandhiJi’s funeral procession very clearly prove that it was written with deep anguish. It was posted on 17th May and nobody misinterpreted it until 31st May. It seems as if the IQ level of people went down after 31st May. In fact, this tweet was inspired from a scene of Lage Raho Munnabhai wherein every word of my tweet was spoken by the character of GandhiJi. If we have to keep GandhiJi somewhere, it has to be our hearts.) हमने सवाल किया अपने कविता लिखी ?

जवाब मिला , मेरे व्यक्तिगत सोशल मीडिया अकाउंट्स पर बार-बार स्पष्टीकरण के बावजूद, लोग मुझे गोडसेवादी कहकर ट्रोल करते रहे और गाली देते रहे। इसने मुझे इस बात के लिए उत्तेजित किया कि मैंने इस कविता के माध्यम से खुद को व्यक्त किया। मैं केवल यह चाहता हूं कि लोगों को पता हो कि मैं गांधी विरोधी हो सकता हूं। उनका दर्शन मेरे जीवन में एक एंकर है।( अनुवाद ) |

विवाद बढ़ने के बाद आईएएस अधिकारी निधि ने अपने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया|

मगर विश्वास टीम से बातचीत में उन्होंने साफ़ बोला कि उनके ट्वीट का बेहद गलत मतलब फैलाया गया |

हमने बोलता हिंदुस्तान पेज की सोशल स्कैनिंग की तो यह जानकारी सामने निकल कर आयी BoltaHindustan.in हिंदी डिजिटल न्यूज प्लेटफॉर्म है, जिसकी स्थापना 2016 में JMI और IIMC के पूर्व छात्रों द्वारा की गई थी, जिसका उद्देश्य निष्पक्ष समाचारों की सेवा करना है। BOLTA HINDUSTAN एक न्यूज वेबपोर्टल है। यह लोगों की आवाज़ का माध्यम है जो चारों दिशाओं की बात करता है, चारों दिशाओं को दिखाता है| 467,010 लोग पसंद करते हैं, 637,608 लोग इसे फॉलो करते हैं |

निष्कर्ष: विश्वास टीम ने अपनी जाँच-पड़ताल के बाद इस सच्चाई को सामने रखा कि इस ट्वीट को ट्विस्ट करके सामने रखा गयाऔर ट्वीट का सन्दर्भ व्यंग्यात्मक था |

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