Fact Check : विदेश की तस्वीर को वाराणसी की बताकर किया गया वायरल

सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बताकर वायरल किया जा रहा है। तस्‍वीर को वाराणसी का विकास बताकर वायरल किया जा रहा है।

नई दिल्ली (Vishvas News)। सोशल मीडिया के विभिन्‍न प्‍लेटफॉर्म पर एक तस्‍वीर वायरल हो रही है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बताकर वायरल किया जा रहा है। तस्‍वीर को वाराणसी का विकास बताकर वायरल किया जा रहा है।

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल पोस्‍ट की जांच की। यह फर्जी साबित हुई। दरअसल विदेश की एक पुरानी तस्‍वीर को वाराणसी के नाम पर वायरल करके झूठ फैलाया जा रहा है। इस तस्‍वीर का वाराणसी से कोई संबंध नहीं है।

क्‍या हो रहा है वायरल

फेसबुक यूजर ‘सलीम अहमद’ ने 15 को एक तस्‍वीर पोस्‍ट की। तस्वीर के साथ लिखा गया, “अपना बनारस Thank you modi ji।”

वायरल तस्‍वीर में दो ट्रेन को देखा जा सकता है। इसके ऊपर लिखा गया : गदौलिया-सोनारपुर।

पोस्‍ट के कंटेंट को यहां ज्‍यों का त्‍यों लिखा गया है। इसका आर्काइव लिंक को यहां पर देखा जा सकता है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने वायरल तस्‍वीर के बारे में ज्‍यादा जानकारी के लिए यान्‍डेक्‍स टूल का इस्‍तेमाल किया। यहां वायरल तस्‍वीर अपलोड करके सर्च करने पर यह तस्‍वीर हमें कई जगह मिली। फेसबुक पेज Ethiocarmarket ने इस तस्‍वीर को 25 अगस्‍त 2019 को पोस्‍ट करते हुए जर्मनी की बताया।

यह तस्‍वीर हमें एक वेबसाइट पर भी मिली।

सर्च के दौरान हमें 2 मई 2015 की तारीख को भी अपलोड यह तस्‍वीर मिली। इसे इस वेबसाइट पर देखा जा सकता है।

सर्च के दौरान हमें पता चला कि वायरल तस्‍वीर वाली ट्रेन जर्मनी के wouppertal में सस्‍पेंशन रेलवे के वीडियो में भी दिखी।

विश्‍वास न्‍यूज ने पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए दैनिक जागरण, वाराणसी के आउटपुट हेड शाश्‍वत मिश्रा से संपर्क किया। उन्‍होंने जानकारी देते हुए बताया कि वायरल तस्‍वीर वाराणसी की नहीं है। यह फेक पोस्‍ट है।

जांच के अंत में फेसबुक यूजर सलीम अहमद की जांच की गई। पता चला कि फेसबुक यूजर को सात हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। यूजर वाराणसी का रहने वाला है।

निष्‍कर्ष : विश्‍वास न्‍यूज की पड़ताल में पता चला कि विदेश की सस्‍पेंशन रेलवे की तस्‍वीर को कुछ लोग वाराणसी की बताकर झूठ फैला रहे हैं।

False
Symbols that define nature of fake news
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