Fact Check : आदित्य ठाकरे ने नहीं दिया अमित शाह-मोदी को लेकर यह बयान

विश्‍वास न्‍यूज की जांच में आदित्‍य ठाकरे के नाम पर वायरल बयान फर्जी निकला।

नई दिल्‍ली (विश्‍वास न्‍यूज)। सोशल मीडिया पर शिवसेना नेता और महाराष्‍ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री आदित्‍य ठाकरे का एक फर्जी बयान वायरल हो रहा है। आदित्‍य की तस्‍वीर का इस्‍तेमाल करते हुए दावा किया जा रहा है कि उन्‍होंने कहा है कि हिंदुत्‍व उन्‍हीं का खतरे मे है, जिसका भगवान अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है। विश्‍वास न्‍यूज ने जब वायरल पोस्‍ट की पड़ताल की तो यह फर्जी निकली। आदित्‍य ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

क्‍या हो रहा है वायरल पोस्‍ट में

फेसबुक से लेकर वॉट्सऐप तक पर आदित्‍य ठाकरे का एक फर्जी बयान वायरल है। इसमें आदित्‍य के हवाले से कहा जा रहा है कि हिंदुत्‍व उन्‍हीं का खतरे में है, जिसका भगवान अमित शाह और मोदी है। बयान के नीचे आदित्‍य ठाकरे का नाम लिखा गया है। इसके अलावा शिवसेना के इस युवा नेता की तस्‍वीर भी फर्जी बयान के साथ इस्‍तेमाल की गई है।

वायरल मैसेज को RC Kar नाम के एक फेसबुक पेज ने 24 अप्रैल को अपलोड करके पूछा कि बात सही या नहीं। कमेंट करें। इस पोस्‍ट को अब तक 2200 से ज्‍यादा बार शेयर किया जा चुका है। कमेंट करने वालों की तादाद 400 से ज्‍यादा है।

पड़ताल

विश्‍वास न्‍यूज ने सबसे पहले आदित्‍य ठाकरे के नाम पर वायरल बयान को सर्च करना शुरू किया। इसके लिए हमने गूगल की मदद ली। गूगल में आदित्‍य ठाकरे के वायरल बयान को टाइप करके सर्च किया। हमें ऐसा या इससे मिलता-जुलता कोई बयान नहीं मिला।

इसके बाद हमने आदित्‍य ठाकरे के सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की। हमें कहीं भी वायरल बयान नहीं मिला। इससे एक बात तो साफ थी कि आदित्‍य ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है।

इसके बाद विश्‍वास न्‍यूज ने सीधे आदित्‍य ठाकरे से संपर्क किया। विश्‍वास न्‍यूज से बातचीत में आदित्‍य ने बताया, ”मैं ऐसा क्‍यों कहूंगा। यह सोशल मीडिया के आईटी सेल वालों की करतूत है। फिलहाल ऐसी बातों के लिए हमारे पास वक्‍त ही नहीं है। हम पूरी तरह कोरोना वायरस से लड़ने में व्‍यस्‍त हैं।”

पड़ताल के अंत में हमने वायरल पोस्‍ट करने वाले फेसबुक पेज RC Kar की सोशल स्‍कैनिंग की। हमें पता चला कि इस पेज पर अधिकांश पोस्‍ट कांग्रेस और उसके नेताओं से जुड़ी होती है। इस पेज को 50 हजार से ज्‍यादा लोग फॉलो करते हैं। पेज को 26 सितंबर 2019 को बनाया गया था।

निष्कर्ष: विश्‍वास न्‍यूज की जांच में आदित्‍य ठाकरे के नाम पर वायरल बयान फर्जी निकला।

False
Symbols that define nature of fake news
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